दुबे जी के पड़ोस में सत्यनारायण कथा की आरती हो रही थी,
आरती की थाली दुबे जी के सामने आने पर,
दुबे जी नेअपनी जेब में से छाँट कर कटा फटा दस रूपये का नोट कोई देखे नहीं, ऐसे डाला ।
वहाँ अत्यधिक ठसाठस भीड़ थी ।
दुबे जी के कंधे पर ठीक पीछे वाली आंटी ने थपकी मार कर दुबे जी की ओर 2000 रूपये का नोट बढ़ाया ।
दुबे जी ने उनसे नोट ले कर आरती की थाली में डाल दिया ।
दुबे जी को अपने 10 रूपये डालने पर थोड़ी लज्जा भी आई ।
बाहर निकलते समय दुबे जी ने उन आंटी को श्रद्धा पूर्वक नमस्कार किया,
तब आंटी ने दुबे जी को बताया कि 10 का नोट निकालते समय आपका 2000 का नोट जेब से गिरा था, वो ही आपको बापस किया था ।
बोलो सत्यनारायण भगवान की जय!