हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाता है। जी हाँ और यह व्रत सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती हैं। आप सभी को बता दें कि इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं। इसी के साथ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर किसी कुंवारी कन्या की कुंडली में किसी तरह का कोई वैवाहिक दोष मौजूद है तो इस व्रत का का पालन करने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं।
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आप सभी को बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती से सदा सुहागिन रहने की कामना करती है। जी दरअसल इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर दिन गुरुवार को शाम 06 बजकर 32 मिनट से होगा और ये 11 नवंबर शुक्रवार रात 08 बजकर 17 मिनट तक चलेगा। उदयातिथि के आधार पर सौभाग्य सुंदरी व्रत आज रखा जाएगा।
कैसे करना है पूजा- आज के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करें और मंदिर को साफ कर लें। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। सबसे पहले एक चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद पूरे विधि-विधान के साथ शंकर और पार्वती की पूजा करें और व्रत शुरू करें। अब माता पार्वती को रोली, कुमकुम, चावल के साथ सुपारी अर्पित करें। इसके बाद पूजा में माता पार्वती को 16 श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं। अब पूजा के समय ॐ उमाये नमः मंत्र का जाप करें।
क्यों रखा जाता है ये व्रत- कहते हैं सौभाग्य सुंदरी व्रत रखने से शिव और माता पार्वती से सौभाग्य, सदा सुहागिन रहने और सौंदर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जी हाँ और ये व्रत रखने से वैवाहिक जीवन की समस्याएं भी दूर होती हैं और घर में सुख-शांति रहती है।
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