यूक्रेन के साथ युद्ध के कारण रूस आर्थिक क्षेत्र में तो पिछड़ ही रहा है। साथ ही इस लड़ाई के कारण व तेल की सप्लाई में भी पिछड़ रहा है। भारत में तेल रूस से आता है, और लगातार इसमें गिरवाट नज़र आई है। अगस्त के महीने में रूस ने भारत को प्रतिदिन के हिसाब से 8,55,950 तेल बेचा था।, लेकिन गौर करने की बात यह है की जुलाई के महीने में यह आकंड़ा 2.4 फीसदी कम हुआ है। यही ही नहीं भारत को तेल सप्लाई करने के मामले में सऊदी अरब रूस को पीछे छोड़ चूका है। यानि अब सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर बन गया है। आपको बता दे की भारत इराक से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है।
उद्योग और व्यापार स्त्रोत से मिले डेटा से पता चलता है की भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का खरीददार है। इन दिनों सऊदी अरब से भारत ने अगस्त में 8,63,950 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की खरीदी की है। यह आकड़ा जुलाई महीने की खरीदी से 4.8 फीसदी है, जबकि भारत रूस से जो कच्चा तेल खरीदता था उसमे बीते दो महीनो से 2.4 फीसदी कम हुआ है।
रूस ने कच्चे तेल में की गिरावट
तेल के बाजार पर नज़र रखने वाली एक कंपनी के अनुसार भारत समझौते के तहत सऊदी अरब से तेल की आपूर्ति बंद यही कर सकता है। साथ ही रूस भी एशिया की मांग में तेजी को देखते हुए अपनी छूट कम कर रहा है।
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