नई दिल्ली: BCCI चीफ और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारी शुरु करने को लेकर अपनी बात रखी है। हालांकि, दादा ने सियासत में आने से सीधे मना नहीं किया। उनका कहना है कि, वह अवसर आने पर इस पर विचार करेंगे। गांगुली, जो अभी भी कोलकाता में अपने घर पर आराम कर रहे हैं। उन्होंने माइनर हार्ट अटैक के बाद अपना एंजियोप्लास्टी करवाई है। दादा की खराब तबियत के बीच उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें काफी दिनों से लगाई जा रही थी।
एक निजी न्यूज़ चैनल के साथ बातचीत में गांगुली ने कहा कि, हम देखेंगे कि आगे क्या होता है। रास्ते में कितने अवसर आते हैं। गांगुली ने कहा कि उनका जीवन आश्चर्यजनक मोड़ से भरा रहा है और उनके पास हकीकत में इस बात का कोई सुराग नहीं है कि उनकी जिंदगी में आगे क्या होने वाला है। दादा ने कहा कि, 'जब मैं पहली दफा भारत का कप्तान बना, तो मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी क्योंकि सचिन टीम की कप्तानी कर रहे थे। यदि सचिन ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो मैं कभी कप्तान नहीं बनता। इसी तरह जब मैं BCCI का चीफ बना, तो मुझे पता नहीं था कि मैं इस पद पर बैठूंगा। मेरी जिंदगी जिस तरह से रही है। इसलिए हम देखेंगे कि यह कहां जाता है।"
दादा ने आगे कहा कि, 'मौके आते हैं और आप बहुत सारी चीजों से प्रभावित होते हैं, आपका परिवार, जीवनशैली, काम, स्वास्थ्य, हम देखेंगे कि आगे क्या होता है।' हालांकि गांगुली ने कहा कि लोग उन्हें प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि 'मैं लोगों से बात करता हूं और यह मेरा स्वभाव है।' बता दें भाजपा पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को पटखनी देने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है। अब तो फिल्म एक्टर मिथुन चक्रवर्ती ने भी भाजपा का हाथ थाम लिया है।
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