मुंबई: स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी के पश्चात् से ही जंग छिड़ी हुई है। भाजपा राहुल गांधी पर बार-बार सावरकर का "अपमान" करने का आरोप लगा रही है। वहीं इसको लेकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में भी आपसी विवाद आरम्भ हो गया था। तत्पश्चात, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने मध्यस्थता करते हुए राहुल गांधी को चुप्पी की सलाह दी थी।
वही इस बीच शरद पवार ने कहा है कि सावरकर के देश के स्वतंत्रता संग्राम के लिए बलिदान को कोई भी अनदेखा नहीं कर सकता है, किन्तु उनके बारे में असहमति को आज एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि ध्यान केंद्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। राहुल गांधी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब किसी भारतीय ने विदेश में रहते हुए देश के मसलों पर चर्चा की है।
रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर में बोलते हुए शरद पवार ने कहा कि 18-20 सियासी दलों के नेताओं ने हाल ही में देश के सामने बड़े मुद्दों पर बैठक की तथा बातचीत की। मैंने सुझाव दिया कि हमें इस बात पर विचार करने की आवश्यकता है कि सत्ता में बैठे लोग देश को किस प्रकार चला रहे हैं। आज सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी बात है। हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं मगर वह व्यक्तिगत नहीं थी। यह हिंदू महासभा के खिलाफ था। मगर इसका एक दूसरा पहलू भी है। हम देश की स्वतंत्रता के लिए सावरकर जी द्वारा दिए गए बलिदान को अनदेखा नहीं कर सकते। पवार ने कहा कि लगभग 32 वर्ष पहले उन्होंने सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में संसद में चर्चा की थी। सावरकर ने रत्नागिरी में एक घर बनवाया तथा उसके सामने एक छोटा मंदिर भी बनवाया। उन्होंने वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति को मंदिर में पूजा करने के लिए नियुक्त किया। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही प्रगतिशील चीज थी।
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