देहरादून: शनिवार को प्रदेशभर में वर्षा ने कहर बरपा दिया। 50 से ज्यादा मकान मलबे की चपेट में आ गए। सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके मालदेवता के सरखेत क्षेत्र में आई आपदा की जानकारी सबसे पहले पूर्व कलेक्टर एवं सचिव डॉ. आर राजेश कुमार को मिली थी। दो पुल टूट गए तथा 250 से ज्यादा सड़कें मलबा आने से बंद हो गईं। इस के चलते 4 व्यक्तियों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए। इसके अतिरिक्त 13 लोग अभी भी लापता हैं।
खबर पर एक्शन में आई SDRF ने 500 से ज्यादा व्यक्तियों को बचाया। चार लोगों को हेलिकॉप्टर से एयर लिफ्ट करके सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। स्थिति का जायजा लेने सीएम पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी सहित कई विधायक और अफसर पहुंचे। रात लगभग दो से ढाई बजे आरम्भ हुई वर्षा का सबसे ज्यादा प्रभाव देहरादून और नई टिहरी के सीमा क्षेत्र मालदेवता में रहा। यहां बादल फटने जैसी स्थिति रही। मालदेवता, सरखेत, तिमली, मानसिंहवाला, भैंसवाड़ा, सेरकी, छमरोली में कई मकान मलबे से पट गए।
टिहरी जिले में 3 व्यक्तियों की मौत और पांच के लापता होने की सूचना है। वहीं देहरादून जिले में 8 लोग लापता हो गए हैं, जबकि 20 के चोटिल होने की खबर है। पौड़ी जिले में एक महिला की मौत हुई है। इस के चलते कई क्षेत्रों में बिजली व पानी की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। मालदेवता के सरखेत क्षेत्र में आई आपदा की जानकारी सबसे पहले पूर्व कलेक्टर एवं सचिव डॉ. आर राजेश कुमार को मिली थी। सरखेत के एक ग्रामीण ने रात ढाई बजे फोन कर बताया कि अगर गांव के लोग को तत्काल सहायता नहीं मिली तो सब तबाह हो जाएगा। उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी ADM तथा जिला आपदा प्रबंधन अफसर को दी। तत्पश्चात, टीमें हरकत में आईं। कलेक्टर सोनिका सहित प्रशासनिक अफसरों की अगुवाई में मौके पर पहुंची NDRF, SDRF तथा पुलिसकर्मियों ने कमान संभाली।
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