'जल ही जीवन है ', आज बचाओ और कल पाओ

'जल ही जीवन है ', आज बचाओ और कल पाओ
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जल ही जीवन है ये तो आपने सुना ही है। लेकिन फिर भी कुछ लोग होते हैं जिन्हें ये बात कुछ समझ में नही आती। पानी के जीवन खत्म ही समझिये। हम आज आपको ये ही बताने आये हैं कि हमारे जीवन में पानी की कितनी आवश्यकता है। कैसे मिलेगा हमे पानी अगर हम ही उसे नहीं बचाएंगे तो। इसके प्रति हमारी भी कुछ जिम्मेदारी है जिन्हें हमे निभाना है।

आपको बता दे कि भारत में भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि आने वाले समय में इसकी कितनी कमी होने वाली है और हालात कितने भयावह होने वाले है ,जब हम एक बून्द पानी के लिए भी तरस जायेंगे। आप भी देखिये ज़रा इन आंकड़ों को जो बताते है जल की मात्रा।

* ये जान कर आपको हैरानी होगी कि भारत में जिनते भी बाँध हैं उनकी क्षमता 27 फीसदी से भी कम रह गई है।

* 91 जलाशयों का पानी का स्तर पिछले एक वर्ष में 30 प्रतिशत से भी नीचे पहुंच चुका है।

* रिपोर्ट्स को अगर गौर करे तो भारत 2025 में भीषण जल संकट से जूझ रहा होगा

* विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में ताजा जल की सालाना उपलब्धता 761 अरब घन मीटर है, जो सर्वाधिक है, फिर भी पानी की किल्लत है।

* पहले की माने तो 30 फ़ीट की गहराई पर पहले पानी मिल जाया करता था और अब 70 फ़ीट की गहराई में भी नहीं मिल पाता।

इसलिए ज़रूरी है पानी जितना हो सके उतना कम खर्च करे ताकि भविष्य में हमे किसी भी बुरी स्थिति का सामना ना करना पड़े।

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