लखनऊ : कुछ दिनों पहले बीजेपी से बगावत करने वाली सांसद सावित्री बाई फुले ने भविष्य की राह को लेकर लगायी जा रहीं अटकलों पर विराम लगाते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्वी उत्तर प्रदेश की महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में वह कांग्रेस में शामिल हो गई। उनके साथ सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान भी साइकिल से उतर कर कांग्रेस के साथ चल पड़े हैं।
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इसलिए थामा कांग्रेस का दामन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले लोकसभा चुनाव में बहराइच से भाजपा के टिकट पर सांसद चुनी गईं फुले ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा की नीतियों को दलित विरोधी ठहराया। भारतीय जनता पार्टी संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश में लगी है, इसलिए उसे रोकना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा को केवल कांग्रेस ही रोक सकती है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस का साथ देने का फैसला किया है।
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शामिल होने पर कही ऐसी बात
जानकारी के मुताबिक फुले ने भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए दिसंबर में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तब कहा था कि दलित सांसद होने की वजह से पार्टी में कभी उनकी बात नहीं सुनी गई। फुले ने कहा कि भाजपा के इसी दलित विरोधी रवैये के कारण मुसलमानों तथा दलित व पिछड़े वर्गो ने भाजपा को हटाने का फैसला किया है। फुले के साथ ही कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद राकेश सचान ने समाजवादी पार्टी में अपनी अनदेखी होने को पार्टी छोड़ने की वजह बताया।
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