आपको बता दे की शिव भगवान को समर्पित सावन के पवित्र महीने की शुरूआत 6 जुलाई से हो रही है। जैसा की हम सभी जानते है, कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है। सावन महीने के दौरान त्रिदेवों की सारी शक्तियां अकेले शिवजी के पास ही होती है। इस समय चारों ओर भक्ति का माहौल होता है। शास्त्रो में भी यह कहा और माना गया है कि बाकी दिनों की अपेक्षा सावन के महीने में भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही इस महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का कई गुना लाभ भी मिलता है। तो पूजा के सही परिणाम के लिए कुछ गलतियां न हो इसके लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। तथा पूजा के दौरान हर तरह कि चीज़ो का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए.
इस पूजा के दौरान कुछ आवश्यक बातो का ध्यान रखना चाहिए.जैसे- सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों का त्याग करना अच्छा माना जाता है क्योंकि सावन में हरी सब्जियों में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा सावन के महीने में कीट-पतंगों की संख्या बढ़ जाती है जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है इसलिए कभी भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। सावन के महीने में सात्विक भोजन करना चाहिए। इसमें मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन के सेवन से बचना चाहिए। सावन के महीनों में दूध भी नहीं पीना चाहिए। इसलिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक किया जाता है। यदि विज्ञान की मानें तो इन दिनों दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है।
यही इसके साथ-साथ सावन में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना गया है। वैज्ञानिक कारण के नजरिए से देखें तो सावन में बैंगन में कीड़े लग जाते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. किसी का अपमान न करें और नाही किसी को भी किसी तरह के कोई बुरे शब्द कहे जाये. तथा किसी भी प्रकार के बुरे विचार मन में नहीं लाना चाहिए। अगर घर के दरवाजे पर सांड या गाय आ जाए तो उसे मार कर भगाएं नहीं बल्कि कुछ खाने के लिए जरूर दें। सांड को मारना शिवजी की सवारी नंदी का अपमान करने समान है। तथा ऐसे में जरुरी है कि आप इन छोटी-छोटी बातो पर ध्यान दे.
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