इस मंदिर के नाम पर है इंदौर का नाम, दर्शन करने से मिलता है सफ़ेद दाग से छुटकारा

इस मंदिर के नाम पर है इंदौर का नाम, दर्शन करने से मिलता है सफ़ेद दाग से छुटकारा
Share:

सावन (sawan 2022) का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है और इस दौरान भगवान शिव (shiv temple indore) की आराधना की जाती है। आपको बता दें कि भारत का भी मंदिरों को लेकर अपना प्राचीन इतिहास रहा है। जी हाँ और एक ऐसा ही मंदिर इंदौर में भी है। जी दरअसल इंदौर के पंढरीनाथ थाने के पीछे बना करीब साढे चार हजार साल पुराना इंद्रेश्वर मंदिर इंदौर की पहचान है। आप सभी को बता दें कि इंदौर का नाम इस शिव मंदिर पर रखा गया है। कहते हैं पहले इसे इंदूर कहा जाता था लेकिन बाद में इसका नाम इंदौर हो गया। जी हाँ और इंदेश्वर मंदिर (indreshwar temple lake) में देवराज इंद्र से लेकर देवी अहिल्या बाई होलकर तक भगवान शिव की आराधना करने आया करती थीं।

कहते हैं कि वृत्रासुर नामक दैत्य से मुक्ति पाने के लिए इंद्र ने इसी स्थान पर भगवान शिव की पूजा की थी। जी हाँ और सबसे पहले इंद्र के हाथों पूजा होने के कारण ही इस शिवलिंग का नाम इंद्रेश्वर महादेव (indreshwar mahadev temple) पड़ गया। आप सभी को बता दें कि इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग से कई चमत्कारी किस्से जुड़े हुए हैं। कहते हैं अगर कोई प्राकृतिक जल स्रोत सूख जाए तो, उसमें इंद्रेश्वर महादेव के अभिषेक का जल अर्पित कर देने से वह जल स्रोत पुनर्जीवित हो जाता है। जी हाँ और यही वजह है कि इंदौर शहर में लोग अपने ट्यूबवेल में उत्खनन के समय इंद्रेश्वर महादेव का अभिषेक किया हुआ जल डालते हैं। कहा जाता है कि इंद्रेश्वर महादेव के दर्शन करने से व्यक्ति को कभी भी सफेद दाग की बीमारी नहीं होती। अगर कोई इस रोग से पीड़ित है तो इंद्रेश्वर महादेव (indore famous temple mysterious story) के दर्शन करने से उसे इस रोग से छुटकारा मिल जाता है।

कहा जाता है इंद्रेश्वर महादेव धाम में देवी अहिल्या बाई होलकर भगवान शिव की नियमित आराधना करने आया करती थी, कहते हैं इसी शिवधाम में उन्हें राजमाता बनने ख्याति प्राप्त करने का आशीष मिला था। जी हाँ और देवी अहिल्या भगवान शिव की अनन्य भक्त थी। अपने पति और ससुर की मृत्यु के बाद जब उन्हें सत्ता मिली तो उन्होंने राजगादी भगवान शिव को समर्पित कर दी खुद एक सेविका की भांती मालवा राज्य की देखरेख की। इंद्रेश्वर महादेव की कृपा से ही सालों से इंदौर में कभी अकाल नहीं पड़ा और कहा जाता है कि अकाल की स्थिति होने पर इंद्रेश्वर महादेव का जल से अभिषेक किया जाता है एवं के गर्भ गृह को जल से भर दिया जाता है। ऐसा करने से भगवान इंद्र को संकेत मिलता है इंदौर (shri indreshwar temple) में वर्षा होती है।

सोशल मीडिया पर छाई मूंछ वाली महिला, जानिए हैं कौन?

Video: शतरंज खेल रहा था बच्चा अचानक टूट गई उंगली

भैंस के प्यार में फांसी लगाकर झूल गई लड़की, हुई मौत

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -