सावन में महादेव पूजा के लिए बची हैं ये विशेष तिथियां, यहाँ देंखे

सावन में महादेव पूजा के लिए बची हैं ये विशेष तिथियां, यहाँ देंखे
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सावन की शुरुआत 4 जुलाई 2023 से हुई थी. इस वर्ष महादेव का प्रिय महीना सावन 2 महीने तक रहेगा. सावन में सोमवार एवं कुछ विशेष तिथियों पर भगवान महादेव की पूजा करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है. श्रावण में 3 सावन सोमवार की पूजा हो चुकी है. आइए आपको बताते हैं अब सावन में कितने सोमवार, प्रदोष व्रत एवं महादेव की पूजा की कौन सी तिथियां शेष हैं.

सावन 2023 शिव पूजा की मुख्य तिथियां:-
30 जुलाई 2023 - रवि प्रदोष व्रत:-
इस वर्ष सावन में अधिकमास का संयोग भी बना है. ऐसे में सावन का दूसरा एवं अधिकमास का प्रदोष व्रत 30 जुलाई रविवार को है. रविवार होने से ये रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा. मान्यता है इस समय जो महादेव की उपासना करता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती है.

1 अगस्त 2023 - अधिकमास पूर्णिमा:-
पूर्णिमा पर भगवान महादेव एवं पार्वती की पूजा भी की जाती है। इस दिन किए गए दान और उपवास से अक्षय फल प्राप्त होता है. अधिकमास की पूर्णिमा पर मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा.

13 अगस्त 2023 - रवि प्रदोष व्रत:-
यश, कीर्ति और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए रवि प्रदोष व्रत बहुत अहम माना जाता है. ऐसे में सावन में दो रवि प्रदोष व्रत आएंगे. इस दिन शाम को गंगाजल, दूध, दही, शहद से महादेव का अभिषेक करें, इससे महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं.

14 अगस्त 2023 - मासिक शिवरात्रि (अधिकमास):-
सावन की शिवरात्रि बहुत खास मानी जाती है. ये तिथि शिव और शक्ति के मिलन का दिन है. सावन के कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि की पूजा हो चुकी है, अब सावन अधिकमास की शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त को रखा जाएगा. अधिकसाम की शिवरात्रि पर सावन छठा सोमवार का व्रत भी है, इसलिए इसका महत्व ज्यादा बढ़ गया है. ये व्रत वैवाहिक जीवन, मनचाहा जीवनसाथी पाने की कामना के लिए रखा जाता है.

21 अगस्त 2023 - नाग पंचमी:-
सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है. ये दिन नाग देवता को समर्पित है, जो महादेव के गले की शोभा हैं. नाग पंचमी पर नागों की पूजा के साथ शिवजी की उपासना अवश्य करना चाहिए. इसके बिना नाग देवता की पूजा अधूरी मानी जाती है. इस बार नाग पंचमी पर सातवां सावन सोमवार व्रत भी रखा जाएगा.

31 अगस्त 2023 - सावन पूर्णिमा:-
सावन की पूर्णिमा तिथि पर शिव जी का अभिषेक करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव कम होते हैं. पूर्णिमा पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से कुंडली में चंद्र दोष दूर होता है. सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया जाता है.

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