सावन में तीज और त्यौहार का खास महत्व होता है. महिलाओं के लिए ये महीना काफी साज और सज्जा का होता है जिसमें वो कई तरह का श्रृंगार करती हैं और खुश रहती हैं. ऐसे ही बात करें मेहँदी की तो महिलाओं का अहम हिस्सा होता है. आज हम यही बताने जा रहे हैं कि सावन के महीने में महिलाएं मेहँदी क्यों लगाती हैं. सावन का महीना भगवान शिव और पार्वती का महीना माना जाता है और सभी महिलाएं पार्वती को श्रृंगार सामान चढ़ा कर उसे खुद भी अपनाती है और उसमें मेहँदी खास होती है.
क्यों पहनी जाती है सावन में हरी चूड़ियां
कहा जाता है, सावन में मेहंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार भी अधूरा माना जाता है. सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा है जिसमें ये कहा जाता है कि मेहँदी लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है. ये भी आपने सुना ही होगा कि मेहँदी का रंग जितना गहरा होता है उतना ही पति पत्नी में प्यार बढ़ता है और उनका रिश्ता मजबूत होता है. मेहदी के बिना महिला का श्रृंगार अधूरा माना जाता है. एक वजह ये भी है कि सावन में जब चारों ओर हरियाली का माहौल बना रहता है तब महिलाएं हरे रंग को काफी महत्व देती हैं और जीवन का अहम हिस्सा बनाती हैं.
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इसके अलावा महिलाएं हरी रंग की चूड़ियां भी पहनती हैं और जब वो खनकती हैं तो चारों ओर खुशहाली छा जाती है. महिलाओं के जीवन में जितना लाल रंग अहम होता है उतना ही सावन में हरा रंग भी होता है क्योंकि इस समय चारों ओर हरियाली ही हरियाली होती है.
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