सावन का (sawan 2022) महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है। जी हाँ और कहा जाता है यह महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है। इसके अलावा यह भी मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों एवं स्वरूपों का ध्यान करते हुए इनकी पूजा करनी चाहिए। जी हाँ, आप सभी तो जानते ही होंगे एकादशी भगवान विष्णु को अतिप्रिय होता है। कहा जाता है युधिष्ठिर ने जब इस विषय में श्री कृष्ण जी से पूछा तो उन्होंने नारद ब्रह्माजी के संवाद के बारे में बताया कि 'इस एकादशी का व्रत (Kamika Ekadashi 2022) करने से पृथ्वी व गोदान के बराबर फल मिलता है। इसी के साथ ही, समस्त देवताओं की पूजा भी हो जाती है। इस पूजा में तुलसी की मंजरियों से विष्णु (Ekadashi vrat niyam) पूजन जहां जन्मभर के पापों का नाश करता है। वहीं श्रीहरि के चरणों में चढ़ा देने से मोक्ष भी देता है - 'या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी। रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी। प्रत्यासात्तिविधायनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता। न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम:।।'
अब हम आपको बताते हैं कामिका एकादशी 2022 व्रत कथा - पौराणिक कथा के अनुसार, एक गांव में वीर छत्रिय रहता था जोकि नेक दिल का व्यक्ति था। लेकिन, स्वभाव में बहुत क्रोधित था। इसी कारण आए दिन उसकी किसी ने किसी के साथ हाथापाई हो जाती थी। क्रोधित स्वभाव के कारण ही एक दिन क्षत्रिय की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण क्षत्रिय पर ब्राह्मण हत्या (Kamika Ekadashi 2022 vrat) का दोष लगा। यह भीक्षत्रिय को अपनी गलती का अहसास हुआ इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा। लेकिन, पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने क्षत्रिय से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो।
इस कारण उसे धार्मिक सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार (Kamika Ekadashi 2022 katha) कर दिया गया। इन सभी कारणों से परेशान होकर क्षत्रिय ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं इस दोष से मुक्त हो सकूं। तब ब्राह्मणों ने क्षत्रिय को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। पहलवान ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा विधि विधान से इसका पालन किया। एक दिन क्षत्रिय को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने क्षत्रिय से कहा कि तुम्हें पापों से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत (sawan kamika ekadashi 2022) रखा जाने लगा।
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