सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन महादेव की पूजा करने वालों को मनचाहा फल प्राप्त हो जाता है. इस बार सावन की शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी. कहा जाता हैं कि इस दिन उपासक को भूलवश भी शिवलिंग पर 5 चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए.
तुलसी
पूर्वजन्म में तुलसी राक्षस कुल में जन्मी थीं. उनका नाम वृंदा था, जो प्रभु श्री विष्णु की परम भक्त थी. वृंदा का विवाह दानव राज जालंधर से हुआ था. महादेव ने देवताओं की रक्षा के लिए जालंधर का वध किया था. पति की मृत्यु से आहत वृंदा ने महादेव को श्राप दिया था. इसलिए उन्हें तुलसी दल नहीं चढ़ाया जाता है.
सिंदूर
महादेव का एक रूप संहार करने वाला भी माना जाता है. उनके संहारक स्वरूप के चलते ही शिवलिंग पर सिंदूर, कुमकुम, या रोली चढ़ाना वर्जित माना गया है.
हल्दी
शास्त्रों के मुताबिक, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है एवं हल्दी का संबंध स्त्रियों से होता है. यही वजह है कि महादेव को हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है.
शंख
शिवपुराण के मुताबिक, शंखचूड़ एक महापराक्रमी दैत्य था, जिसका वध स्वयं महादेव ने किया था. इसलिए महाशिवरात्रि पर कभी शंख से शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाया जाता है.
फूल
भगवान शिव या शिवलिंग पर कभी भी केतकी, कनेर, केवड़ा या लाल रंग का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. इन चीजों से शिव जी की अर्चना न करें.
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