सावन का महीना शुरू हो चुका है. ऐसे में आज सावन का पहला सोमवार है. कहते हैं श्रावण मास जप, तप और ध्यान के लिए उत्तम होता है, लेकिन इसमें सोमवार का विशेष महत्व है. ऐसे में सावन का पहला सोमवार 22 जुलाई को है. वहीं सावन के सोमवार को बहुत लाभदायक माना जाता है. तो आइए आज आपको बताते हैं सावन के सोमवार व्रत का महत्व.
सावन के सोमवार व्रत का महत्व- कहा जाता है अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाना चाहिए. इसी के साथ अगर कुंडली में आयु या स्वास्थ्य बाधा हो या मानसिक स्थितियों की समस्या हो तब भी सावन के सोमवार का व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है. वहीं ऐसा भी माना जाता है कि सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है , इसके अलावा इसको अन्य महीनों में भी किया जा सकता है और इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है.
सावन के सोमवार की पूजा विधि- इसके लिए आप सबसे पहले यानी प्रातः काल स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं और घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं. अब उसके बाद मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें और वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें. अब दिन में केवल फलाहार करे और शाम को भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें.
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