चेन्नई: मद्रास हाई कोर्ट ने बुद्ध पूर्णिमा पर सरकारी अवकाश की मांग करने वाली याचिका को ठुकरा दिया है। दरअसल, शुक्रवार (31 मार्च) को मद्रास उच्च न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई हुई। इस याचिका में अदालत से बुद्ध पूर्णिमा को सरकारी छुट्टी घोषित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस मांग पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा और जस्टिस भरत चक्रवर्ती की बेंच ने हल्के-फुल्के अंदाज में टिप्पणी करते हुए कहा कि, भगवान बुद्ध भी इस प्रकार के प्रस्ताव से सहमत नहीं हो सकते हैं। यह कहते हुए अदालत ने याचिका खारिज कर दी। यह याचिका तमिलनाडु के विरुधुनगर जिला निवासी एमसी पांडियाराज ने लगाई थी। उनकी मांग थी कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, गौतम बुद्ध की जयंती (बुद्ध पूर्णिमा) को सार्वजनिक छुट्टी घोषित करने का निर्देश दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि भारत, श्रीलंका और कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में अप्रैल/मई के माह में पूर्णिमा की रात को बुद्ध पूर्णिमा बेहद धूमधाम के साथ मनाई जाती है। उन्होंने आगे कहा कि, इस साल 7 फरवरी को उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग को पत्र भी लिखा था। हालांकि, उन्हें अभी तक सरकार से कोई जवाब नहीं मिला, जिसके चलते उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया।
इस पर अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि, कोर्ट, केंद्र और राज्य सरकारों को सार्वजनिक छुट्टी घोषित करने के लिए ऐसा निर्देश कैसे पारित कर सकता है। अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि, 'यहां तक कि खुद भगवान बुद्ध ने भी इस प्रकार के विचार से सहमत नहीं होंगे। उन्होंने यह नहीं कहा होगा कि उनकी जयंती पर लोग दफ्तरों और स्कूलों से बाहर रहें।'
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