मुंबई: मुंबई की एक कोर्ट ने माना है कि महिला सहकर्मी के फिगर की प्रशंसा करना और उसे डेट पर चलने के लिए पूछना यौन उत्पीड़न कि श्रेणी में आता है। इसके साथ ही न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के आरोपित रियल एस्टेट कंपनी के 2कर्मचारियों को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला सहकर्मी के यौन उत्पीड़न आरोपितों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मुंबई के सेशन कोर्ट के जज एजेड खान ने कहा कि, 'यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें आरोपित को अग्रिम जमानत प्रदान की जाए। इस मामले के कई पहलू हैं। ऐसे में आरोपितों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ होना आवश्यक है। अन्यथा केस प्रभावित हो सकता है।'
अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए यह भी कहा है कि एक आरोपित के पिता और दफ्तर के अन्य कर्मचारियों ने पीड़िता पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मामला संगीन है और एक महिला की गरिमा से संबंधित है। वहीं, दूसरे आरोपित ने भी महिला का यौन उत्पीड़न के साथ ही उसकी गरिमा को भी ठेस पहुँचाई है। इतना ही नहीं, ऑफिस में गंदी भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है। दरअसल, रियल एस्टेट कंपनी में नौकरी करने वाली एक महिला कर्मचारी ने 24 अप्रैल 2023 को अपने पुरुष सहकर्मियों पर यौन उत्पीड़न करने का इल्जाम लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपित कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर और सेल्स मैनेजर के पद पर काम करते हैं। पीड़ित महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ IPC की धारा 354A, 354D तथा 509 के तहत केस दर्ज कर लिया था।
पीड़िता के वकील ने न्यायालय में कहा है कि सबूतों और गवाहों से मालूम होता है कि आरोपितों ने 1 मार्च से 15 अप्रैल के बीच यौन उत्पीड़न किया। साथ ही आरोपित, महिला को “मैडम, आपने खुद को मेंटेन रखा है। आपका फिगर बेहद खूबसूरत है। क्या आपने मेरे साथ बाहर जाने के बारे में सोचा है?' कह कर तंग कर रहे थे और उसका शारीरिक उत्पीड़न करने का प्रयास कर रहे थे। वहीं, आरोपितों ने खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताया है। साथ ही कहा है कि उन्हें फँसाने का प्रयास किया जा रहा है।