नई दिल्ली: गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) के मामले में ज्यादातर बैंक मार्च तक अच्छी स्थिति में होंगे. यह दावा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने किया है. उन्होंने बताया है कि बैंकिंग प्रणाली में कर्ज देने के लिए कैश की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि बुनियादी संरचना और उपभोक्ता क्षेत्र में कर्ज की मांग में कोई विशेष कमी नहीं आई है. ऐसे में इन क्षेत्रों में कर्ज वितरण के अवसर मौजूद हैं.
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट घटाने का फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाने के बारे में सवाल किए जाने पर रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक संपत्ति और देनदारी में असंतुलन बनने के जोखिम के मद्देनज़र ब्याज दर में एक सीमा से ज्यादा कटौती नहीं कर सकते हैं. बता दें कि आरबीआई ने इस वर्ष निरंतर पांच बार रेपो रेट में कटौती की है, किन्तु बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं पहुंचाया है.
यही कारण रहा है कि दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इस फैसले पर आरबीआई राज्यपाल ने कहा था कि वर्तमान में पहले की कटौती का ग्राहकों तक फायदा पहुंचाना आवश्यक है. दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए लोन देने के बारे में रजनीश ने कहा कि, ‘‘हमारे लिए दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम नीलामी के लिये लोन देना पूरी तरह से असुरक्षित है. यह कागजों पर सुरक्षित है क्योंकि यह नीलामी सरकार करने वाली है, किन्तु व्यावहारिक तौर पर यह पूरी तरह से असुरक्षित है.’’
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