हाल ही में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है और एसबीआई ने लगातार सातवीं बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती का एलान किया है, लेकिन उसके साथ उन्होंने एफडी पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की है. जी हाँ, एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर में पांच बीपीएस की कटौती की है और उसके बाद यह दर 8.05 फीसदी से कम होकर आठ फीसदी हो गई है और नई दरें 10 नवंबर 2019 से लागू हो रही हैं. इसी के साथ ग्राहकों को फायदा होगा क्योंकि अब उन्हें सस्ते में लोन मिलेगा.
डिपॉजिट पर मिलेगा कम ब्याज - इसी के साथ ही बैंक ने रिटेल टर्म डिपॉजिट यानी फिक्स्ड डिपॉजिट और बल्क टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में भी कमी की है और एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दर में 15 बेसिस प्वाइंट की कमी की है. इसी के साथ इस टर्म डिपॉजिट की मियाद एक साल से दो साल तक की है और बल्क टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर में 30 से 75 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई है.
अक्टूबर में भी किया था बदलाव - वहीं इससे पहले अक्टूबर महीने में भी एसबीआई ने एमसीएलआर और टर्म व बल्क डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में बदलाव किया था.
टर्म डिपॉजिट पर इतना कम किया था ब्याज - आपको बता दें कि उस समय बैंक ने बैंक ने एक से दो साल की अवधि के रिटेल टर्म डिपॉजिट और बल्क टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कमी की थी और एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी. इसी के साथ बल्क टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर में 30 बेसिस प्वाइंट की कमी की गई थी और टर्म डिपॉजिट की मियाद भी एक साल से दो साल तक की थी। वहीं नई ब्याज दर 10 अक्टूबर से प्रभावी हो गई थी.
एमसीएलआर में भी की थी कटौती - एसबीआई ने एमसीएलआर की दरें 0.10 फीसदी तक घटा दी थीं, जो 10 अक्टूबर से लागू हो गई है.
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