नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक अर्थात एसबीआई ने शराब कारोबारी विजय माल्या से हार मान ली है। इसके चलते एसबीआई ने न केवल उसके 1201 करोड़ छोड़ दिये है वहीं अपनी सूची से भी उसका नाम काट दिया है। एसबीआई का यह मानना है कि माल्या उसका लोन चूकाने की स्थिति में नहीं है, इसलिये बैंक ने माल्या के लोन को डूबा हुआ मान लिया है।
गौरतलब है कि बैंक ने माल्या पर लोन चुकाने के लिये दबाव डाला था, बावजूद इसके माल्या के कानों पर जूं नहीं रेंगी। आखिरकार बैंक ने यह मान लिया है कि माल्या उसका लोन चूकाने के योग्य नहीं है। माल्या के साथ ही 63 अन्य ऐसे बड़े कर्जदारों का भी बैंक ने अपनी वसूली सूची से नाम काट दिया है। इस तरह बैंक के सात हजार करोड़ रूपये से अधिक डूबत खाते में चले गये है। मालूम हो कि माल्या को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
बताया गया है कि शराब कारोबारी माल्या पर न केवल एसबीआई बल्कि अन्य कई बैंकों का भी नौ हजार करोड़ से अधिक का लोन बकाया चल रहा है लेकिन एसबीआई ने माल्या से हार मानते हुये यह ऐलान किया है कि अब उससे लोन नहीं वसूला जाएगा। बैंक के इस निर्णय से भले ही माल्या को राहत मिली हो लेकिन अभी प्रवर्तन निदेशालय उसकी संपत्तियांे को राजसात करने में जरूर जुटा हुआ है।
एसबीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार माल्या के अलावा जिन अन्य बड़े कर्जदारों का लोन डूबा हुआ माना है उनमें केएस आॅयल, सूर्या फार्मास्यूटिकल, जीईटी पावर, साई इंफो सिस्टम आदि के भी नाम शामिल है।