नई दिल्ली: 18 साल पहले घटे उपहार अग्निकांड में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सीबीआई और पीड़ितों के फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा। इस संबंध में सीबीआई और पीड़ितों ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी। ज्ञात हो कि इस मामले में अगस्त 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था। कोर्ट के उस फैसले से अंसल बंधुओं को बड़ी राहत मिली थी।
1997 के उपहार अग्नि कांड में उच्च न्यायलय ने अंसल बंधुओं को 30-30 करोड़ जुर्माना देने को कहा था। इससे उन्हें बड़ी राहत मिल गई थी। 1997 में हिंदी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान थिएटर में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति एआर दवे, कुरियन जोसेफ और आदर्श कुमार गोयल की बेंच ने सुशील और गोपाल अंसल द्वारा जेल में बिताई गई अवधि तक ही उनकी सजा सीमित करते हुए उन्हें निर्देश दिया था कि वे तीन महीने के भीतर दिल्ली सरकार के पास 60 करोड़ रुपये जमा कराए। दिल्ली सरकार इस धनराशि का इस्तेमाल कल्याणकारी योजना के लिए करेगी।
बेंच ने सीबीआई की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कहा था कि दोषियों को उनकी बची हुई सजा के लिए जेल भेजा जाए। इस पर जब बेंच ने साल्वे से पूछा तो उन्होने कहा कि सीबीआई से उन्हें निर्देश है कि वह उनकी हिरासत के लिए जोर दें। उपहार अग्निकांड में पीड़ित लोगों की मदद कर रहे संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील के टी एस तुलसी ने कहा था कि दोषियों को केवल जेल ही नही भेजा जाए बल्कि उनकी सजा भी बढ़ाई जाए।