सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को जमकर फटकार लगाई। इसके अलावा जवाब पेश न करने के कारण केंद्र सरकार पर 30 हजार का जुर्माना भी लगाया। यह मामला जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए सरकारी योजनाओं के तहत मुस्लिम समुदाय को फायदा देने का है। आपको यह भी बता दें कि इससे पहले भी इसी मामले में जवाब दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार पर 15-15 हजार का जुर्माना लगाया था। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार पर चिंता व्यक्त की और जल्द से जल्द जवाब पेश करने का आदेश भी दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि आखिर सरकार क्यों इस मुद्दे पर जवाब देने से बच रही है? कोर्ट ने सरकार को 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
पिछली सुनवाई के दौरान जब जम्मू-कश्मीर की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से जवाब पेश करने के लिए और समय मांगा था। जम्मू-कश्मीर ने जवाब दाखिल कर दिया है. उस दिन केंद्र सरकार को भी सुप्रीम कोर्ट ने फिर से निर्देश दिया था की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करें और उस समय कोर्ट ने सरकार को 6 हफ्ते का समय दिया था लेकिन फिर भी केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया। आपको इस बात यह बात बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को सबसे पहले केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था।
याचिकर्त्ता अंकुर शर्मा ने अपनी सिफ़ारिश में कहा है कि जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम की संख्या लगभग 68 फीसदी हैं जो बहुसंख्यक हैं लेकिन फिर क्यों उन्हें अल्पसंख्यकों के लिए बनी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री ने 15 पॉइंट की योजना का लाभ कश्मीर के बहुसंख्यक समुदाय मुस्लमानों को दिया जा रहा है जो कानूनी रुप से गलत है और इस पर रोक लगाना चाहिए। इन योजना का लाभ वहां के हिन्दू, सिखों और ईसाइयों को दिया जाना चाहिए।
कश्मीरी मुद्दे पर ट्वीट करने से अफरीदी की हुई जमकर आलोचना
संसद में PM मोदी ने कसा राहुल गांधी पर तंज, कहा: आखिर भूकंप आ ही गया