नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने एनजीओ पर सख्त रवैया अपनाया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि एनजीओ को ब्लैक लिस्ट करना ही पर्याप्त नहीं है मगर इन पर कार्रवाई होना चाहिए। गबन करने वाले एनजीओ पर एक्शन लिया जाना चाहिए। मिली जानकारी के अनुसार देश रजिस्टर्ड साढ़े 32 लाख एनजीओ में करीब 30 लाख बैलेंस शीट जमा नहीं करवाई गई। इस तरह के एनजीओज़ में समाजसेवी अन्ना हजारे के एनजीओ को भी शािमल किया गया था और हिंदू स्वराज ट्रस्ट पर एनजीओ पर बैलेंस शीट दायर न करने का आरोप भी लगाया गया।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि 31 मार्च तक इन एनजीओज़ का आॅडिट करवा दिया जाए। एनजीओ को चलाने हेतु सरकारी राशि के गबन का मसला दर्ज करवाया जाए। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार की ओर से नाराजगी जाहिर की।
मिली जानकारी के अनुसार सरकार पैसों की जानकारी क्यों नहीं रखती है। मिली जानकारी के अनुसार 31 मार्च तक एनजीओ को मान्यता देने के लिए गाईडलाईन्स तैयार की जा सकती है। सर्वोच्च न्यायालय में इस तरह के मामले में 5 वर्ष पूर्व चर्चा की थी।
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