नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज मंगलवार (30 जुलाई) को धन शोधन के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और NCP (शरद गुट) नेता नवाब मलिक को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने नवाब मलिक की ओर से उपस्थित वकील की इस दलील पर गौर किया कि वह विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। कोर्ट ने कहा कि मलिक की मेडिकल जमानत बॉम्बे उच्च न्यायालय में नियमित जमानत याचिका के निपटारे तक वैध रहेगी।
वहीं, जांच एजेंसी ED की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत देने का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम चिकित्सा जमानत को स्थायी किया जा सकता है। ED ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मामले में फरवरी 2022 में मलिक को गिरफ्तार किया था। उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके मलिक ने हाईकोर्ट से राहत मांगी थी और दावा किया था कि वह कई अन्य बीमारियों के अलावा क्रोनिक किडनी रोग से भी पीड़ित हैं। उन्होंने योग्यता के आधार पर जमानत भी मांगी थी।
मलिक के खिलाफ ED का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा नामित वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुंबई श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों का एक प्रमुख आरोपी इब्राहिम, तथा उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
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