दिल्ली: पेट कोक पर प्रतिबंध लगाने के मामले में सुनवाई के आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने पेट्रोलियम मंत्रालय को लताड़ लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा पेट्रोलियम मंत्रालय क्या खुद को भगवान समझता है या सर्वोच्च सत्ता मानता है, उसकी नजर में खाली बैठे न्यायाधीश उसकी मर्जी के अनुसार काम करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय पर 25 हजार रुपये का जुर्माना और यातायात व्यवस्था को लेकर स्टेटस रिपोर्ट नहीं देने के कारण दिल्ली सरकार पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगते हुए अपनी बात कही.
दरअसल पेट्रोलियम मंत्रालय ने आठ जुलाई को पर्यावरण और वन मंत्रालय को पेट कोक के आयात पर रोक लगाने की जानकारी दी. तेल शोधन के दौरान निकला पेट कोक उद्योगों के लिए शानदार सस्ता ईंधन है पर पर्यावरण के लिए उतना ही घातक. इस बात से नाराज SC के जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने सख्त लहजे में अपनी बात कही.
पीठ ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय खुद को क्या समझता है. वह आदेश का पालन नहीं करेगा और शपथ देकर समय ले लेगा. क्या वह न्यायाधीशों को खाली समझता है, जो उसके अनुसार कार्य करेंगे. ममले की अगली सुनवाई के लिए पीठ ने 16 जुलाई की तारीख दी है.
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