नई दिल्ली : देश की शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को एक मानवाधिकार केस के मामले में जमकर खरी-खोटी सुनाई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि दिल्ली सरकार से अपनी विरोध की राजनीति को दरकिनार कर दिल्ली के लोगों के मानवाधिकार के बारे में सोचें। केंद्र विचार करे कि दिल्ली में मानवाधिकार आयोग का गठन कैसे हो।
सर्वोच्च अदालत ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि केंद्र ये कदम नहीं उठाता है, तो कोर्ट को इस संबंध में आदेश पारित करने होंगे। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली में मानवधिकार आयोग का गठन नहीं हो सकता क्योंकि दिल्ली राज्य नहीं है बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पास अपना हाइकोर्ट है, महिला आयोग है, इसका मतलब है दिल्ली को विशेष दर्जा प्राप्त है। इसलिए दिल्ली में मानवाधिकार आयोग भी हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि यदि केंद्र दिल्ली में ह्यूमन राइट्स कमीशन का गठन कर, तो आपको कोई आपत्ति तो नहीं है। जिस पर दिल्ली सरकार ने कहा हमने सिफारिश दे रखी है और नियुक्ति भी कर रखी है। मामले की अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी।