भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक की हत्या के मामले में शुरू की गई एनआइए जांच पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया. दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की गत वर्ष नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की कार्रवाई छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से उसके समक्ष दाखिल याचिका के नतीजे के दायरे में आएगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि छत्तीसगढ़ सरकार ने एनआइए की कार्रवाई को असंवैधानिक और मनमाना घोषित करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि यह राज्य की संप्रभुता को प्रभावित करता है. राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के पिछले साल के आदेश को चुनौती दी है. इसमें कोर्ट ने मांडवी और चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या की जांच एनआइए को सौंपने संबंधी पूर्व के एक आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की अपील खारिज कर दी थी.
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वही दूसरी ओर राज्य सरकार ने हत्याकांड की जांच एनआइए को सौंपने के निर्देश से संबंधी केंद्र की 16 मई 2019 की अधिसूचना को चुनौती दी थी. जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा, 'बेशक यह अधिसूचित अपराधों में है और 16 मई 2019 की अधिसूचना के अनुरूप एनआइए इसकी जांच कर सकती है.' पीठ ने कहा, 'हम राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा शुरू की गई जांच में बाधा नहीं डालना चाहते. अब जांच आगे बढ़ गई होगी.
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