नई दिल्ली: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को कहा है कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में किसानों को जागरूक करें. ताकि प्रदेश के किसान इसका लाभ उठा सकें और वे मंडी में सही दाम पा सकें. सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश एमिक्स क्यूरी की दलील पर दिए हैं जिसमें कहा गया कि अधिकांश किसानों को इसके बारे में जानकारी नहीं है और 35 फीसदी किसान ही इसका लाभ ले पा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में एक गैर सरकारी संगठन द्वारा जंतर मंतर पर 35 दिन से धरने पर बैठे किसानों की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है.
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार से पूछा कि राज्य में किसानों द्वारा की जा रही खुदकुशी को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. पीठ ने कहा कि चुप रहना समाधान नहीं है.आर्थिक तंगी के कारण किसानों द्वारा खुदकुशी करने की घटना किसी भी संवेदशील आत्मा को झकझौर देता है.बड़ी संख्या में किसान खुदकुशी कर रहे हैं, ऐसे में राज्य को इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए.कल्याणकारी राज्य केलिए सामाजिक न्याय बेहद जरुरी है .कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वो खुदकुशी के मुद्दे पर नहीं जा रहा, बल्कि ये देख रहा है कि किसानों को सरकारी योजनाओं से पूरा लाभ दिलाया जा सकता है.
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा हम तमिलनाडु सरकार से उम्मीद करते हैं कि वह अगली तारीख पर इससे निपटने की योजनाएं पेश करेगी. कोर्ट ने सरकार को कहा है कि वे 8 मई को रिपोर्ट में बताएं कि किसानों के लिए सरकार क्या क्या कदम उठा रही है.
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