नईदिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय के विरूद्ध दिल्ली सरकार द्वारा दायर की गई 6 अपीलों पर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करने जा रहा है। दरअसल इन अपीलों में उपराज्यपाल और राज्य सरकार के बीच तनातनी का मामला शामिल है। जिसमें यह कहा गया है कि आखिर क्या उपराज्यपाल ही राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासनिक प्रमुख हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस मामले में 9 सितंबर को सुनवाई की जाएगी।
दरअसल प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर व न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ द्वारा इस मामले में कहा गया कि दिल्ली सरकार वरिष्ठ एडवोकेट गोपाल सुब्रह्मण्यम ने विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करने की अपील की है। गौरतलब है कि अधिवक्ता सुब्रह्मण्यम ने अपनी दलील में कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय 4 अगस्त के निर्णय से दिल्ली में पसोपेश बन गया है।
राज्य सरकार को किसी भी निर्णय में स्वायत्त अधिकार नहीं है मगर उपराज्यपाल अंतिम तौर पर निर्णय ले सकते हैं। किसी भी निर्णय में राज्यपाल की मंजूरी लेना जरूरी है। यदि ऐसा है तो फिर दिल्ली सरकार को पूरी तरह से निर्णय का अधिकार किस तरह से मिलेगा। इस मामले में अपील करते हुए सवाल किए गए हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्णय को राज्य सरकार ने चुनौती दे दी है। अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा।