आज तक डॉक्टर भी सही तरह से नहीं बता पाए है कि एक बीमार व्यक्ति की मौत कब होगी लेकिन गूगल ने ऐसा कर दिखाया है। जी हाँ! गूगल एक ऐसी टेक्नालॉजी लेकर आ रहा है जो यह तो बताएगी कि बीमार व्यक्ति कब तक जीएगा लेकिन साथ में यह भी बताएँगी कि कोई व्यक्ति के पास कितने फीसदी जिंदा रहने का मौका है। इसके चलते गूगल ने एक ऐसी महिला को ढूंढा जो स्तन कैंसर से पीड़ित थी।
एक तरफ डॉक्टरों की टीम ने महिला का रेडियोलॉजी स्कैन किया। इसमें डॉक्टरों ने बताया कि महिला के मरने का जोखिम 9.3 फीसदी है। वहीं दूसरी तरफ गूगल ऐप से पूछा गया तो उसने बताया कि महिला के मरने का जोखिम 19.9 फीसदी है। इसके कुछ दिनों बाद ही महिला की मौत हो गई। इस रिसर्च को लेकर गूगल का कहना है कि हम ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं जिससे लोगों की मौत से जुड़ी जानकारी मिल सकेगी।
इतना ही नहीं इस ऐप की खासियत यह होगी कि इससे पता लगाया जा सकेगा कि एक बीमार व्यक्ति कब तक अस्पताल में रहेगा। वहीं स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर ‘निगम शाह’ की मानें तो यह मॉडल एक अनुमानित है लेकिन इसके सटीक होने पर काम किया जा रहा है।
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