नई दिल्ली: दिल्ली में इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच 'बंगले' को लेकर काफी विवाद चल रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) का आरोप है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को उनके सरकारी आवास से जबरन निकाला गया, जबकि भाजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री आतिशी ने नियमों का पालन नहीं किया और उनके बंगले में सामान रखने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इस स्थिति के बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने सीएम आतिशी की एक नई वीडियो जारी की है, जिसमें वह अपने पैक किए गए सामान के बीच एक फाइल पर हस्ताक्षर करती नज़र आ रही हैं।
ये होता है जनता के लिए काम करने का जज़्बा ????????
— AAP (@AamAadmiParty) October 10, 2024
BJP के LG दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री @AtishiAAP जी का आवास छीनकर CM House से उनका सामान तो बाहर फिकवा सकते हैं लेकिन जनता की सेवा और काम करने के जज्बे को नहीं छीन सकते।
आम आदमी पार्टी की सरकार तमाम बाधाओं और मुश्किलों से लड़ते हुए… pic.twitter.com/ZQ1lUgyD0a
वीडियो में सीएम आतिशी को सामान से भरे कार्टन के बीच सोफे पर बैठे हुए देखा जा सकता है, जहां वह फाइलों पर हस्ताक्षर कर रही हैं और अपना काम कर रही हैं। AAP ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट भी लिखा कि यह दिखाता है कि कैसे सीएम आतिशी जनता की सेवा के लिए काम कर रही हैं, चाहे उनके साथ कोई भी स्थिति क्यों न हो। पार्टी ने लिखा, "ये होता है जनता के लिए काम करने का जज़्बा। BJP के LG दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री आतिशी जी का आवास छीनकर CM House से उनका सामान तो बाहर फिकवा सकते हैं लेकिन जनता की सेवा और काम करने के जज्बे को नहीं छीन सकते। आम आदमी पार्टी की सरकार तमाम बाधाओं और मुश्किलों से लड़ते हुए अंतिम सांस तक दिल्ली की जनता की सेवा करती रहेगी और उनके हक़ और अधिकार की लड़ाई लड़ती रहेगी।''
AAP सांसद संजय सिंह ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा, "देख लो भाजपाइयों! तुमने एक चुने हुए मुख्यमंत्री से उसका दिल्ली की जनता द्वारा दिया हुआ घर तो छीन लिया लेकिन दिल्ली की जनता के लिए काम करने के जज़्बे को कैसे छीनोगे?" उन्होंने कहा कि नवरात्रि में एक महिला मुख्यमंत्री का सामान बाहर फेंकना उचित नहीं है और इस स्थिति को लेकर जनता की सेवा के प्रति आतिशी के समर्पण की सराहना की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को लेकर यह राजनीतिक घमासान तब शुरू हुआ जब पता चला कि केजरीवाल ने जिस बंगले में निवास किया, वह अब सीएम आतिशी का आवास है। इस बंगले को PWD (लोक निर्माण विभाग) द्वारा सील किया गया है और डबल लॉक लगा दिया गया है। आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने इस बंगले को नियमों के अनुसार PWD को हैंडओवर नहीं किया और इससे पहले ही सीएम आतिशी का सामान वहां पहुंच गया।
#WATCH | Delhi Chief Minister Atishi at her private residence with her belongings after the Chief Minister's residence was sealed, says CMO.
— ANI (@ANI) October 10, 2024
CM Atishi is seen signing a file amidst packed luggage. These are the items that were taken out from the CM residence yesterday
(Source:… pic.twitter.com/r8FEjInOEC
जब अरविंद केजरीवाल ने अपना इस्तीफा दिया, तो उन्होंने बंगले की चाबी PWD को नहीं दी, जिसके चलते विवाद बढ़ा। इसके बाद, सीएम आतिशी ने इस बंगले में सामान रखना शुरू कर दिया। भाजपा ने इस मामले को लेकर सवाल उठाया और कहा कि नियमों का पालन नहीं किया गया। सीएम आतिशी ने आरोप लगाया कि LG ने उनके सामान को आवास से बाहर फेंकवा दिया है, जबकि LG की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
इस बीच, सुनीता केजरीवाल की चाबी सौंपते हुए तस्वीरें भी वायरल हुईं, जिससे कई AAP समर्थक भावुक हुए और अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी की तारीफ की। हालांकि, PWD के एक पत्र से पता चला कि सुनीता केजरीवाल ने वास्तव में चाबी PWD को नहीं दी। दरअसल, जब कोई नेता या अधिकारी सरकारी आवास खाली करता है, तो उसे चाबी PWD को सौंपनी होती है, ताकि वह घर में मौजूद सामानों की इन्वेंट्री बना सके और इसे बाद में किसी अन्य व्यक्ति को आवंटित कर सके। इस मामले में, चाबी PWD तक नहीं पहुंची और सीएम आतिशी 7 अक्टूबर को बंगले में शिफ्ट हो गईं। आपने देखा होगा कि जब अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री आवास खाली किया था, उसके बाद सीएम योगी के उस बंगले में शिफ्ट होने से पहले वहां की इन्वेंट्री बनाई गई थी, जिसमे पता चला था कि बंगले में नल की टोंटियां नहीं हैं। अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री रहते समय मिले सरकार बंगले पर भी हुआ। तेजस्वी ने वो बंगला अब खाली किया है, उसकी जांच में पता चला कि वहां से पलंग, सोफा, नल, टब गायब है। दरअसल, कोई भी अधिकारी या नेता, सरकारी बंगले से वही सामान ले जा सकता है, जो उसका हो, बाकी वहीं छोड़ना पड़ता है। इसीलिए एक व्यक्ति के जाने के बाद और दूसरे के आने से पहले, विभाग आवास में मौजूद सामान की लिस्ट बनाता है। लेकिन केजरीवाल वाले मामले में ऐसा नहीं हुआ, उन्होंने सीधे आतिशी को चाबी सौंप दी और आतिशी वहां शिफ्ट भी हो गईं।
नागरिकों की जिज्ञासा बढ़ने के साथ, विजिलेंस विभाग ने केजरीवाल के विशेष सचिव और तीन अन्य अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस भेजा। यह सवाल उठाया गया कि सीएम आवास की चाबियाँ PWD को क्यों नहीं सौंपी गईं। भाजपा ने इस स्थिति को लेकर और भी सवाल उठाए, जिससे विवाद और बढ़ गया। अंततः, PWD ने 9 अक्टूबर को बंगला सील कर दिया। बंगले को सील करने के बाद, सीएम आतिशी ने एलजी पर आरोप लगाया कि वह बीजेपी के इशारे पर उन्हें CM आवास से बाहर करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बंगले को एक बड़े बीजेपी नेता को आवंटित करने की योजना बनाई जा रही है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी इसी आरोप को दोहराया और कहा कि बीजेपी इस बंगले को अपने कब्जे में लेना चाहती है।
दिलचस्प बात यह है कि जिस 'शीशमहल' बंगले को लेकर विवाद हो रहा है, वह कोई आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास नहीं है। उसका स्वामित्व PWD के पास है और उन्हें ही तय करने का अधिकार है कि इसे किसे आवंटित किया जाएगा। सीएम आतिशी को पहले से ही 17 एबी मथुरा रोड का आवास मिला हुआ है। दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई आधिकारिक आवास नहीं है, और अरविंद केजरीवाल से पहले भी अन्य सीएम अलग-अलग बंगलों में निवास कर चुके हैं।
इस मामले ने दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है और दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना होगा कि इस विवाद का क्या समाधान निकलता है और क्या सीएम आतिशी के काम करने के जज्बे पर इसका कोई प्रभाव पड़ता है। राजनीतिक समीकरणों के इस परिवर्तन ने जनता में भी इस मुद्दे को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं और सभी की निगाहें इस मामले पर टिकी हुई हैं।
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