मुरादाबादः उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को दी जानी वाली छात्रवृत्ति में बड़े स्तर पर घोटाला सामने आया है। यह छात्रवृत्ति भारत सरकार द्वारा नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के माध्यम से अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को दी जाती है। यह एक पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना है। यूपी के मुरादाबाद, अमरोहा और संभल जिले में 7000 फर्जी बैंक खाते खोलकर करीब छात्रवृत्ति के 10 करोड़ रुपये से अधिक राशि का गबन किया गया है। पुलिस की जांच में उजागर हुआ है कि स्कॉलरशिप की रकम हड़पने के लिए गैंग ने जिन शिक्षण संस्थाओं और बच्चों के नाम का उपयोग किया, वह सभी फर्जी थे। गैंग में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों की भूमिका भी सामने आई है।
पुलिस ने अमरोहा के एक पूर्व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। सरकार ने स्कॉलरशिप में घोटाला रोकने के लिए रकम सीधा बच्चों के बैंक खातों में ट्रांसफर करना शुरू किया मगर घोटालेबाजों ने उसका भी तोड़ ढूंढ निकाला। मामला तब खुला जब अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय की ओर से छात्रवृत्ति के लिए छात्रों की सूची अग्रसारित करने वाली कुछ संस्थाओं पर संदेह जताते हुए इनकी जांच कराई गई। पूलिस जांच में पता चला कि मुरादाबाद की तीन, अमरोहा की पांच और संभल की 12 शिक्षण संस्थाएं फर्जी हैं। स्कॉलरशिप हड़पने के लिए ये सिर्फ कागजों में चल रही हैं।
निदेशालय की इस जांच के आधार पर अमरोहा में कोतवाली नगर, डिडौली और धनौरा में अमरोहा के तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी हेमराज सिंह की ओर से तीन मुकदमे दर्ज कराए गए। इसी तरह संभल में भी हयातनगर थाने में दो और नखासा थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया। मगर मुरादाबाद जिले में इस बाबत कोई एफआईआर ही दर्ज नहीं कराई गई। अमरोहा में दर्ज कराए गए मुकदमों में जितेंद्र सिंह प्रबंधक कौशल कला केंद्र मंडी धनौरा, गिरीश चंद्र आर्य प्रबंधक राजहंस संगीत कला केंद्र धनौरा, शुभम सक्सेना प्रबंधक संगीत विद्यालय अहमद नगर अमरोहा और राकेश कुमार प्रबंधक जागृति संगीत विद्यालय बंगला अमरोहा को नामजद किया गया था।
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