श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जाँच एजेंसी (SIA) ने मौलाना सर्जन बरकती के घर सहित 8 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की है। SIA ने यह कार्रवाई अवैध चंदा वसूली और संदिग्ध आतंकी गतिविधियों से एकत्रित किए गए 1.5 करोड़ रुपए के मामले में की है। दरअसल, मौलाना बरकती पर वर्ष 2016 में हुए देश विरोधी प्रदर्शनों के लिए लोगों को भड़काने का आरोप है। इस प्रदर्शन के बाद उसे जेल भी हुई थी। इसके बाद से वह स्थानीय स्तर पर लोग उसे पहचानने लगे थे।
इसी पहचान का फायदा उठाते हुए मौलाना सर्जन बरकती लोगों को इमोशनल ब्लैकमेल कर अपनी आवश्यकताओं के लिए चंदा वसूलता था। इसके साथ ही टेरर फंडिंग हासिल करने की भी बात कही जा रही है। SIA ने अनंतनाग, कुलगाम, शोपियाँ और श्रीनगर जिलों में दबिश दी है। आरोप है कि लोगों को इमोशनल ब्लैकमेल कर मौलाना बरकती लाखों रुपए की संपत्ति जुटा चुका है। प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि बरकती ने अनंतनाग शहर में अपनी पत्नी के नाम पर 45 लाख रुपए की भूमि खरीदी थी। किन्तु, बाद में उसने इस जमीन को 72 लाख रुपए में बेच कर 27 लाख रुपए का लाभ कमाया। चंदा वसूली कर उसने महल जैसा दिखने वाला एक बड़ा घर भी बनाया है। इसके साथ ही, उसके परिजनों के नाम पर कई FDR कराने की बात भी सामने आई है।
यही नहीं, बरकती ने मदरसा खोलने के लिए लगभग 30 हजार वर्ग फ़ीट भूमि खरीदी है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि वह इस जमीन का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने और मुस्लिम युवाओं को आतंक की तरफ ले जाने के लिए कर रहा था। इसके अलावा वह लोगों से वसूले गए पैसों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने में भी कर रहा था। साथ ही उसे कई संदिग्ध स्रोतों से फंडिंग भी प्राप्त हो रही थी। कुल मिलाकर उसने 1.5 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए है।
बता दें कि मौलाना बरकती दक्षिण कश्मीर के शोपियाँ जिले के जेनपोरा का निवासी है। वह प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी और कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के संपर्क में भी था। वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में खासतौर से शोपियाँ, कुलगाम और पुलवामा के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसक वारदातों और देश विरोधी प्रदर्शनों में बरकती का बड़ा हाथ माना जाता है।
नौकरी के बदले जमीन मामले में सुशिल मोदी ने लालू परिवार पर लगाया बड़ा आरोप
'हम विधायक हैं या अपराधी हैं...', आखिर क्यों भड़के सपा विधायक इरफान सोलंकी ?
न्यायपालिका पर सरकार का कब्ज़ा ? राहुल गांधी को जरूर पढ़ना चाहिए CJI चंद्रचूड़ का ये जवाब