चंडीगढ़: ठंड का असर बढ़ता जा रहा है, और इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। हरियाणा सरकार ने बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए 1 जनवरी 2025 से 15 जनवरी 2025 तक शीतकालीन अवकाश घोषित कर दिया है। यह फैसला सरकारी और निजी दोनों तरह के स्कूलों पर लागू होगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी। पोस्ट में बताया गया कि 16 जनवरी 2025 से स्कूल फिर से सामान्य रूप से खुलेंगे।
हरियाणा में ठंड के कारण सुबह स्कूल जाना बच्चों के लिए मुश्किल हो जाता है। खासकर छोटे बच्चों की सेहत पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसीलिए, इस कदम को बच्चों और अभिभावकों के हित में देखा जा रहा है। स्कूल प्रशासन ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में भी कक्षा 1 से 8वीं तक के स्कूलों को 31 दिसंबर 2024 तक बंद रखने का निर्णय लिया गया है। वहीं, कक्षा 9 से 12वीं तक की क्लासेस सुबह 9 बजे के बाद ही शुरू होंगी। हालांकि, यूपी सरकार ने अभी राज्य के बाकी हिस्सों के लिए विंटर वेकेशन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
हालांकि, इन शीतकालीन अवकाशों के साथ एक बड़ा सवाल उठता है—बच्चों की पढ़ाई का। मौजूदा समय में बच्चों पर पहले ही पढ़ाई का काफी दबाव है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, और तनाव के कारण बच्चों की मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में स्कूल बंद होने से उनकी पढ़ाई में रुकावट आ सकती है।
सरकार और स्कूल प्रशासन को चाहिए कि वे ऑनलाइन क्लासेस या वैकल्पिक माध्यमों से बच्चों को सही मार्गदर्शन दें। इससे बच्चों को छुट्टियों के दौरान भी पढ़ाई में पीछे नहीं रहना पड़ेगा। अगर बच्चों को नियमित रूप से पढ़ाई का सहारा मिलता रहेगा, तो उनके तनाव को कम किया जा सकता है। साथ ही, इस तरह के प्रयास बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मददगार हो सकते हैं।सर्दी से बचाव के साथ-साथ पढ़ाई का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। एक संतुलित व्यवस्था से ही बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो सकता है।