ऐसा कहा जाता है, प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेता है. प्यार में पड़ने वाले लोग जुनूनी और लापरवाह किस्म के हो जाते है ऐसा इसलिए क्योकि प्यार में पड़ने के बाद दिमाग में कई तरह के हार्मोन का स्राव होता है जो सोचने और समझने की क्षमता को प्रभावित करता है.
प्यार में पड़ने के कारण दिमाग से डोपामाइन केमिकल स्राव होता है, यह ख़ुशी देने वाला हार्मोन है जो व्यक्ति को नशीला बना देता है. दूसरी तरफ एक ही समय में दिमाग में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन नोरेफिनेफ्राइन का स्तर बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन को बढ़ा देता है. प्यार होने पर ब्रेन में सेरोटोनिन हार्मोन का भी स्राव होता है. सेरोटोनिन नियंत्रण में होने की भावना प्रदान करता है, यह हार्मोन हमारे दिमाग को चिंतित और अस्थिर होने से बचाता है.
जब इसका स्तर बढ़ जाता है तब व्यक्ति अनियंत्रित महसूस करने लगते है. प्यार में होने से ब्रेन को कंट्रोल करने वाले हार्मोन प्रीफ्रोंटल कॉर्टेक्स का स्तर कम हो जाता है जिससे व्यक्ति लापरवाह हो जाता है, इस कारण सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित होती है.
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