इंसान के बदबूदार और गंदे मल का निपटारन भारत सहित अन्य विकासशील देशों के लिए एक बड़ी समस्या रही है. रिसर्चर इस मल से खाद बनाने की कोशिश में हैं. उनकी यह कोशिश रंग ला रही है.विशेषज्ञों कि माने तो मानव मल खेती में खाद की तरह इस्तेमाल हो सकता है. एक खोज है कि 10 लाख लोगों के मल से हर साल 1,200 टन नाइट्रोजन, 170 टन फॉस्फोरस, 330 टन पोटैसियम बनाया जा सकता है.
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पोषक तत्वों को खाद में बदला जाता है
प्राप्त जानकारी अनुसार जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी में एक टीम इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या शहरी कचरे का जमीन और खेती में इस्तेमाल हो सकता है. इस टीम में कई रिसर्चर शामिल हैं. बताया जा रहा है की मानव मल पर रिसर्च कर उससे मिट्टी को उपजाऊ बनाने में कुछ सफलता मिली है. मल को एक सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल खाद बनाने में जुटे हैं. इसके लिए सबसे आसान और किफायती तरीका है मल की गाद को जैविक कचरे के साथ कम्पोस्ट बनाना और उनसे फिर अहम पोषक तत्वों को खाद मे बदलना है.
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वैज्ञानिक ने बताया कम्पोस्ट बनाने में आमतौर पर तापमान 71 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है जिसके कारण मल में मौजूद रोगाणु और कीड़े मर जाते हैं. मल के कम्पोस्ट बनाने का काम श्रीलंका में हुआ और फिर मल की गोलियों को बोखुम लाया गया.
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