मेड्रिड: पिछले कई दिनों से लगातार हाहाकार मचा रहा कोरोना वायरस अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन इस वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण आज मानवीय पहलू तबाही की कगार पर पहुंच चुका है. हर दिन इस वायरस के कारण न जाने ऐसे कितने परिवार है जी मौत का शिकार हो रहे है, वहीं इस वायरस का संक्रमण लोगों की जान का दुश्मन बनता जा रहा है रोजाना इसकी चपेट में आने से लाखों लोग संक्रमित हो रहे है. यदि हम बात करें दुनियाभर में मरने वालों की तो अब तक 3 लाख 77 हजार से अधिक लोगों की मौते हो चुकी है.
कोरोना को लेकर फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एक बड़ा खुलासा किया है. फ्रांस के वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है कि कोरोना वायरस का पहला मामले चीन वुहान से पहले यूरोप में 16 नवबंर 2019 को ही आ गया था. उत्तर-पूर्व फ्रांस के एक अस्पताल ने नवंबर से दिसंबर के बीच अस्पतालों में फ्लू की शिकायत लेकर आए 2,500 से ज्यादा लोगों की एक्स-रे रिपोर्ट का अध्ययन किया है. जंहा अध्ययन में चौकांने वाला खुलासा किया गया कि केवल नवबंर में ही दो एक्स-रे रिपोर्ट ऐसी आईं, जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई है. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि ये बात अलग है कि उस समय डॉक्टर्स को कोरोना वायरस को लेकर कोई जानकारी नहीं थी.
मिली जानकारी के अनुसार उत्तर-पूर्व फ्रांस के कॉलमार में स्थित अल्बर्ट श्वित्जर अस्पताल के डॉक्टर माइकल श्मिट और उनकी टीम ने दावा किया है कि अभी तक यूरोप के जिन देशों में कोरोना के मामले जीरो माने जा रहे थे, वो सारे दावे गलत साबित हो सकते हैं. फ्रांस के डॉक्टर्स की टीम का दावा है कि ऐसा हो सकता है कि चीन में कोरोना का पहला मामला कभी आया ही ना हो क्योंकि यह संक्रमण नवबंर तक यूरोप में दस्तक दे चुका था. हालांकि फ्रांस में कोरोना के संक्रमित मामले 1,90,000 के करीब हैं और 28,833 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में कोरोना से संक्रमित देशों में फ्रांस आठवें नंबर पर है.
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