नई दिल्ली: देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में कोरोना के मरीजों की तादाद हर दिन तक़रीबन 1 लाख के लगभग पहुंच रही है। कोरोना वायरस का सबसे संक्रामक मॉडल A2a इस संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार है। कुछ ही दिनों में भारत में 70 फीसद मरीजों ने कोरोना वायरस के दबाव को बढ़ा दिया है।
हैदराबाद में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी द्वारा किए गए एक हालिया रिसर्च में पाया गया है कि A2a कोरोना वायरस का अधिक संक्रामक मॉडल है और भारत में 70 फीसद से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीज A2a मॉडल से संक्रमित हैं। संक्रमण की रफ़्तार एक चिंता का सबब बन गया है। इस कारण से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद हर दिन बढ़ती ही जा रही है। इससे पहले भारत में ज्यादातर रोगी कोरोना वायरस के A3i स्ट्रेन से ग्रसित थे। तक़रीबन 41 फीसद मरीजों में A3i स्ट्रेन फुटप्रिंट पाया गया।
देश के कोरोना संक्रमित मरीजों में भी यही तनाव देखा गया। किन्तु इसमें मौजूद RDRP नामक एंजाइम केवल वायरस के लिए खतरनाक साबित हुआ और इस एंजाइम की वजह से कोरोना A3i मॉडल की संक्रमण दर 41 फीसद से घटकर 18 फीसद हो गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि कोरोना का A3i मॉडल धीरे-धीरे भारत से ख़त्म हो जाएगा। A3i की जगह अब A2a ले रहा है। यह काफी तेजी से फैलने वाला कोरोना स्ट्रेन है।
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