मैड्रिड: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 24000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा.
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमितों की जांच के हाल ही में विकसित दो तरह की जांच को लेकर जहां कुछ राजनेता उत्साहित हैं वहीं वैज्ञानिकों ने इन जांच नतीजों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिये हैं. इनमें से एक तरह की जांच संभावित मरीज की नाक से लिये गये तरल नमूने और दूसरी जांच सुई की नोक पर लिये गये रक्त नमूने से हो हो रही है. कोरोना वायरस कोविड-19 से जंग लड़ रहे स्पेन में संसाधनों का टोटा पड़ गया है. ऐसे में हाल ही में विकसित नाक-गले से लिए गए तरल नमूने और सुई की नोक पर लिए गए रक्त नमूनों से तत्काल परिणाम देने वाली जांच ने बड़ी उम्मीद जगाई थी लेकिन स्पेन ने खराब कोरोना जांच किट की खेप चीन को लौटा दी है.
स्पेन में फेस मास्क और सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी: समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेन में ऐसी जांच किट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. यही नहीं भी कई किट तो विश्वसनीय भी नहीं हैं. स्पेन के स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इला ने कहा कि इस समय बाजार में अफरातफरी है. जंहा इस बात का पता चला है कि उन्होंने देश में फेस मास्क, सुरक्षा उपकरण और तत्काल जांच की किट की अनुपलब्धता पर अफसोस जताया है. देश में इस समय उपलब्ध तत्काल जांच नतीजे देने वाली एंटीजेन टेस्ट किट में सभी अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं. स्पेन की सरकार ने चीन की एक कंपनीको नौ हजार किट लौटा दी हैं जिनके नतीजे विश्वसनीय नहीं पाये गए हैं.
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