वैज्ञानिकों ने हाल ही में पृथ्वी की गहराई में एक बड़े महासागर का पता लगाया है, जो जमीन से करीब 643 किलोमीटर नीचे स्थित है। इस महासागर का पानी एक विशेष प्रकार की चट्टान में जमा हुआ पाया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह चट्टान एक मेंटल रॉक है, जिसे 'रिंगवुडाइट' कहा जाता है। यह चट्टान स्पंज जैसी होती है, जो पानी को सोखने की क्षमता रखती है।
क्या है 'रिंगवुडाइट' चट्टान?: 'रिंगवुडाइट' एक विशेष प्रकार की चट्टान है जो पानी को सोखने का काम करती है, ठीक वैसे जैसे स्पंज पानी को सोखता है। लेकिन इस बार वैज्ञानिकों ने पाया कि इस चट्टान के अंदर पानी किसी अलग अवस्था में जमा हुआ है। यह खोज कई वैज्ञानिक दशकों से कर रहे थे, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि पृथ्वी के नीचे गहरे पानी का कोई बड़ा स्रोत हो सकता है।
कैसे हुई इस पानी की खोज?: इस पानी का पता वैज्ञानिकों को तब चला जब वे भूकंप का अध्ययन कर रहे थे। उन्होंने पाया कि पृथ्वी की गहराई में स्थित इस 'रिंगवुडाइट' चट्टान के अंदर पानी रुका हुआ है। यह पानी, सतह पर मौजूद महासागरों से तीन गुना ज्यादा हो सकता है। इससे यह साफ हुआ कि पृथ्वी के अंदर एक बड़ा जलाशय छिपा हुआ है।
इस खोज का महत्व: यह खोज वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दशकों से वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि पृथ्वी के नीचे पानी आखिर कहां गायब हो गया था। अब, इस नए महासागर की खोज से हमें धरती की आंतरिक संरचना और उसमें मौजूद पानी के भंडार के बारे में नई जानकारी मिली है।
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