वायनाड नहीं जा पाएंगे वैज्ञानिक, ना रिसर्च कर सकेंगे और ना टिप्पणी..! केरल की वामपंथी सरकार ने जारी किया आदेश

वायनाड नहीं जा पाएंगे वैज्ञानिक, ना रिसर्च कर सकेंगे और ना टिप्पणी..! केरल की वामपंथी सरकार ने जारी किया आदेश
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कोच्ची: केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 300 के पार पहुंच गई है, वहीं 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। सेना , NDRF के साथ RSS और सेवा भारती वहां पीड़ित लोगों को  मदद पहुंचा रहे हैं। RSS और सेवा भारती के सदस्य पीड़ितों को भोजन-पानी और आश्रय मुहैया करा रहे हैं, साथ ही रास्ते से मलबा भी साफ़ कर रहे हैं, ताकि NDRF और सेना को प्रभावित इलाकों में पहुँचने में आसानी हो। इस बीच राज्य की वामपंथी सरकार ने वैज्ञानिक समुदाय के खिलाफ आपदा पर टिप्पणी करने या साइट पर जाने से मना कर दिया है। राज्य की पिनारई विजयन सरकार ने केरल के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को एक अजीबोगरीब आदेश जारी किया है, जिसमें उन्हें आपदा स्थलों पर जाने या घटना के बारे में अपनी राय साझा करने से रोक दिया गया है।

 

इस आदेश में, राज्य राहत आयुक्त और केरल राज्य आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव टिंकू बिस्वाल ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव को केरल के सभी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों को निर्देश देने के लिए कहा है कि वे वायनाड के मेप्पाडी पंचायत में कोई भी क्षेत्रीय दौरा न करें, जिसे आपदा प्रभावित क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। नोट में कहा गया है कि, "वैज्ञानिक समुदाय को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे अपनी राय और अध्ययन रिपोर्ट मीडिया के साथ साझा करने से खुद को रोकें। अगर आपदा प्रभावित क्षेत्र में कोई अध्ययन किया जाना है, तो केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेनी होगी।" इसमें कहा गया है कि यदि आपदा प्रभावित क्षेत्र में कोई अध्ययन किया जाना है तो केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेनी होगी।

 

मीडिया से बात करते हुए टिंकू बिस्वाल ने कहा कि यह कदम आपदा प्रबंधन प्रोटोकॉल के अनुरूप है। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि, "बचाव और राहत कर्मियों के अलावा, हम आपदा स्थल पर अन्य लोगों की आवाजाही को हतोत्साहित करते हैं और जहाँ तक संभव हो, प्रतिबंधित करते हैं।" जब उनसे अध्ययनों को साझा करने पर रोक के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि विभिन्न सिद्धांत और प्रति-सिद्धांत सामने आ रहे हैं और आपदा के दौरान ऐसा नहीं होना चाहिए। 

टिंकू बिस्वाल ने मीडिया को बताया कि, "वे स्थानीय आबादी को प्रभावित करते हैं। हम नहीं चाहते कि लोग सिद्धांतों से विचलित हों। यह लोगों के मूड को खराब करता है। अगर कोई अध्ययन करने की जरूरत है, तो वह बाद में किया जा सकता है।" उल्लेखनीय है कि यह निर्देश उसी पिनाराई विजयन सरकार द्वारा जारी किया गया है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने तथा केरल को पूर्ण विकसित 'ज्ञान अर्थव्यवस्था' के मार्ग पर ले जाने पर गर्व करती है। 

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