भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में मात्र अब 1 महीना शेष है। मध्यप्रदेश में कई सीटे ऐसी हैं, जहां पर बीजेपी का कब्जा कई सालों से है और कांग्रेस अब इन सीटों पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाहती है। ऐसी ही एक सीट है शिवपुरी विधानसभा सीट। इस सीट पर चुनाव इस बार दिलचस्प हो सकता है। दरअसल, इस सीट पर इस समय सिंधिया घराने की बेटी का कब्जा है और कांग्रेस ने सिंधिया घराने के बेटे को मध्यप्रदेश चुनाव की बागडोर सौंपी है। अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बेटा अपने ही परिवार की बेटी से यह सीट छीन पाएगा?
यशोधरा राजे हैं विधायक
शिवपुरी सीट से यशोधरा राजे सिंधिया विधायक हैं। 2013 के चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरेंद्र रघुवंशी को यहां से हराया था। इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस की तरफ से मध्यप्रदेश चुनाव की बागडोर संभाले हुए हैं और रिश्ते में यशोधरा राजे और ज्योतिरादित्य बुआ—भतीजा हैं, तो अब यह देखना होगा कि क्या भतीजा अपनी बुआ से यह सीट हासिल कर पाते हैं या फिर बुआ फिर से इस पर अपना आधिपत्य जमाती हैं।
क्या हैं समीकरण
अगर शिवपुरी सीट की बात की जाए, तो यहां से लगातार बीजेपी ही जीती है। केवल 2006 के उपचुनाव में कांग्रेस को यहां से जीत मिली थी। इसके अलावा 1985 से इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है। अब अगर इन सब पर गौर करें, तो यही लगता है कि एक बार फिर से यह सीट बीजेपी ही ले जाएगी।
क्या कहते हैं आंकड़े
अगर पिछले चुनाव को देखें, तो 2013 में यशोधरा राजे ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रघुवंशी को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। यशोधरा राजे सिंधिया को 76330 वोट मिले थे, तो वहीं वीरेंद्र रघुवंशी को 65185 वोट मिले थे। इसके अलावा 2008 के चुनावों में भी यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। उस समय बीजेपी के माखनलाल राठोड़ को 25760 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के वीरेंद्र रघुवंशी 24009 वोट मिले थे।
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