नई दिल्ली : पिछले दिनों वरिष्ठ वकीलों द्वारा कोर्ट रूम में चीख-चीखकर दलीलें देने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त कर चेतावनी दी है. गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली संवैधानिक पीठ ने वकीलों को इंसाफ का मंत्री बताते हुए कहा कि इस तरह का रवैया किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस को यह टिप्पणी इसलिए करना पड़ी क्योंकि इस सप्ताह में दो बार ऐसा हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों ने कोर्ट रूम में चीखते हुए दलीलें दीं. गुरुवार को इस मामले में पीठ ने कहा पहला मामला बुधवार को दिल्ली सरकार बनाम केंद्र मामले की सुनवाई के दौरान हुआ. जबकि इसके पहले मंगलवार को अयोध्या विवाद केस की सुनवाई के दौरान जो हुआ वह तो और भी ज्यादा घटिया बर्ताव था.
बता दें कि मंगलवार को अयोध्या केस की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे ने बहुत ऊंची आवाज में दलीलें दीं थीं. ये वकील इस केस की सुनवाई 2019 तक टालने की मांग कर रहे थे. इनमें से कुछ ने तो सुनवाई छोड़कर जाने की धमकी भी दे दी थी.इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि चाहे जो हो, कोर्ट में चीखना किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा. इस तरह से आवाज उठाना आपकी कमजोर तैयारी और कमजोर दलीलों को ही साबित करता है.चीफ जस्टिस ने ऊंची आवाज में दलीलें पेश करने में बार एसोसिएशन के वरिष्ठ वकीलों के भी शामिल होने का जिक्र किया.
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