गिरफ्तार हुआ छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बनाने वाला मूर्तिकार

गिरफ्तार हुआ छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बनाने वाला मूर्तिकार
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राजकोट: महाराष्ट्र के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के गिरने के पश्चात् प्रदेश की राजनीति में तनाव बढ़ गया है। इसी बीच, 35 फीट ऊंची इस मूर्ति के मूर्तिकार जयदीप आप्टे को कल्याण पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। आप्टे 26 अगस्त को प्रतिमा गिरने के पश्चात् से फरार थे। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल उन्हें पुलिस उपायुक्त (DCP) के कार्यालय में रखा गया है। गौरतलब है कि यह प्रतिमा सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में स्थापित की गई थी। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है।

महाविकास अघाड़ी के दल—शिवसेना (UBT), एनसीपी (SP), एवं कांग्रेस—लगातार महायुति सरकार पर निशाना साध रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, तथा अजित पवार ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र की जनता से माफी भी मांगी है। इस मामले में स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को पहले ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। जयदीप आप्टे कल्याण में एक आर्ट कंपनी चलाते हैं, किन्तु उनके पास बड़ी प्रतिमाओं के निर्माण का पूर्व अनुभव नहीं था। उन्होंने ही राजकोट किले में शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा बनाई थी, जिसका उद्घाटन बीते वर्ष दिसंबर में पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था।

महाराष्ट्र के लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपने आराध्य के रूप में पूजते हैं, तथा उनकी प्रतिमा का खंडित होना चुनाव से पहले एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इस घटना से विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया है। मूर्तिकार आप्टे की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, "जो लोग हमारी सरकार की आलोचना कर रहे थे, अब उन्हें चुप रहना चाहिए। यह सच है कि गिरफ्तारी में थोड़ा समय लगा, लेकिन पुलिस ने अपना काम कर दिया।" विशाल प्रतिमा के अचानक गिरने के पश्चात् महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो गई। पुलिस ने जयदीप आप्टे एवं स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पाटिल को 31 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, जबकि आप्टे के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था। 

विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया कि आप्टे के पास इतनी बड़ी संरचना बनाने का अनुभव नहीं होने के बावजूद, उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा बनाने का ठेका कैसे मिला। शिवसेना (UBT) ने महायुति सरकार पर जयदीप आप्टे को बचाने का आरोप भी लगाया था। सिंधुदुर्ग पुलिस की टीमों ने मुंबई, ठाणे एवं कोल्हापुर समेत विभिन्न स्थानों पर आप्टे की तलाश की। पुलिस पहले कल्याण, ठाणे जिले में उनके आवास पर गई थी, किन्तु वहां ताला बंद मिला। बाद में, बुधवार देर रात उन्हें ठाणे के कल्याण से गिरफ्तार किया गया। इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस ने आरोप लगाया कि परियोजना के लिए प्रदेश के खजाने से 236 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जबकि प्रतिमा के निर्माण पर सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये खर्च हुए। एक पांच सदस्यीय तकनीकी समिति ने भी स्थल का निरीक्षण करने के लिए मालवन किले का दौरा किया। पुलिस ने प्रतिमा एवं उसके मंच के निर्माण में उपयोग किए गए सामग्री के नमूने फोरेंसिक लैब में भेजे हैं। महायुति सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि उसी स्थान पर जल्द ही छत्रपति शिवाजी महाराज की एक मजबूत एवं भव्य प्रतिमा पुनः स्थापित की जाएगी।

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