हरियाणा में AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग आज संभव, राहुल कर सकते हैं बातचीत

हरियाणा में AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग आज संभव, राहुल कर सकते हैं बातचीत
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चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, और इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) गठबंधन बनाने की तैयारी कर रही हैं ताकि वोटों का बंटवारा रोका जा सके। हालांकि, सीटों के बंटवारे पर अब तक दोनों पार्टियों के बीच कोई सहमति नहीं बनी है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आज शाम तक इस मामले पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है। AAP हरियाणा में 5 से 7 सीटें चाह रही है, लेकिन किन सीटों पर वह लड़ेगी, इस पर अभी चर्चा जारी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी को शहरी इलाकों की सीटें देना चाहती है। गुरुवार रात को राघव चड्ढा और दीपक बाबरिया के बीच इस संबंध में बैठक भी हुई थी। संभावना है कि राहुल गांधी भी इस गठबंधन पर चर्चा करेंगे।

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा, जहां सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले चुनाव 1 अक्टूबर को होने वाले थे, लेकिन बिश्नोई समाज के पुराने त्योहार आसोज अमावस्या के कारण तारीख को आगे बढ़ा दिया गया। मतगणना 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर चुनाव के साथ ही होगी। हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर को समाप्त हो रहा है। पिछले चुनाव में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई गई थी। हालांकि, इस साल मार्च में बीजेपी और JJP का गठबंधन टूट गया। वर्तमान में एनडीए के पास 43 सीटें हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया ब्लॉक' के पास 42 सीटें हैं, जिससे इस चुनाव में कड़ा मुकाबला होने की संभावना है।

बता दें कि, ये गठबंधन सिर्फ हरियाणा चुनाव के लिए ही है, दिल्ली में कांग्रेस और AAP आमने-सामने होंगी, जहाँ कांग्रेस वापस सत्ता में आने की कोशिश में लगी हुई है और केजरीवाल की पार्टी को भ्र्ष्ट बता रही है। दिल्ली में जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रही हैं, वहीं हरियाणा में ये दोनों पार्टियां एक-दूसरे का सहयोग करेंगी। यह सवाल उठता है कि जब दिल्ली में दोनों पार्टियां एक-दूसरे की पोल खोल रही हैं, तो हरियाणा में जाकर कैसे ये दोनों एक-दूसरे की दोस्त बन जाएंगी और एक-दूसरे के राज छुपाने लगेंगी ? क्या जनता इन पार्टियों पर भरोसा कर सकती है, जो केवल अपने सियासी लाभ के लिए समर्थन या विरोध करती हैं? अगर आम आदमी पार्टी गलत है, तो वह दिल्ली और हरियाणा दोनों जगह गलत ही होगी। और अगर वह सही है, तो दोनों राज्यों में सही होगी। राजनीति में यह देखने को मिलता है कि पार्टियां सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं, और यह सच्चाई कई बार जनता के सामने आती है।

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