महाराष्ट्र में महायुति का सीट शेयरिंग फार्मूला तय, क्या गठबंधन कर पाएगा फतह?

महाराष्ट्र में महायुति का सीट शेयरिंग फार्मूला तय, क्या गठबंधन कर पाएगा फतह?
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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, और सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हैं। गठबंधन दलों के बीच सीट शेयरिंग और टिकट बंटवारे पर लगातार चर्चा चल रही है। महाविकास अघाड़ी और महायुति के गठबंधन में सीटों के बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है। सत्ताधारी महायुति में सीट शेयरिंग की लगभग पुष्टि हो चुकी है, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 156 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 78-80 सीटें मिलेंगी, और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 53-54 सीटें मिलने की संभावना है।

महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, जहां 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को नतीजे घोषित होंगे। पिछली बार, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं। वर्तमान में, बीजेपी के 103, शिंदे की शिवसेना के 40, और अजित पवार की एनसीपी के 43 विधायक हैं। 2019 में शिवसेना, एनसीपी, और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन बाद में शिवसेना में आंतरिक विवाद के चलते पार्टी दो गुटों में बंट गई, और शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। इसी तरह, एनसीपी भी दो गुटों में बंट चुकी है।

महायुति गठबंधन में बीजेपी, शिंदे की शिवसेना, और अजित पवार की एनसीपी सीट शेयरिंग पर लगभग सहमत हो गए हैं, जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सीटों का बंटवारा अभी तक तय नहीं हुआ है। इस बीच, तीसरे गठबंधन की एंट्री ने दोनों प्रमुख गठबंधनों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यह नया गठबंधन संभाजी राजे छत्रपति की अगुवाई में बना है, जिसमें राजू शेट्टी की स्वाभिमानी शेतकरी पक्ष और बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी शामिल हैं। इस गठबंधन ने मराठा आरक्षण के नेता मनोज जरांगे पाटिल और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रकाश आंबेडकर को भी शामिल होने का न्योता दिया है।

अगर यह नया गठबंधन सफल होता है और इसमें जरांगे पाटिल व प्रकाश आंबेडकर की पार्टियां शामिल होती हैं, तो विपक्षी महाविकास अघाड़ी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, खासकर मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के क्षेत्रों में, जहां एमवीए का अभी तक मजबूत प्रभाव रहा है।

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