नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को 24 घंटे के अंदर कोर्ट से दूसरा झटका लगा है। एक दिन पहले ही दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराते हुए गिरफ्तारी के खिलाफ लगाई गई उनकी याचिका खारिज कर दी थी तथा आज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी दूसरी याचिका को भी खारिज कर दिया है। इस याचिका में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अधिवक्ताओं से सप्ताह में 5 बार मुलाकात करने की मांग की थी। बता दें कि फिलहाल अरविंद केजरीवाल अपने अधिवक्ताओं से सप्ताह में सिर्फ 2 बार ही मुलाकात कर सकते हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री केजरीवाल के अधिवक्ता विवेक जैन ने तर्क दिया था कि केजरीवाल किसी राहत की मांग नहीं कर रहे हैं, मुख्यमंत्री केवल कई अदालतों में उनके खिलाफ चल रहे मामलों के सिलसिले में अधिवक्ताओं के साथ अतिरिक्त बैठक की मांग कर रहे हैं। वकील विवेक जैन ने कहा था कि केजरीवाल के खिलाफ 35 से 40 मामले चल रहे हैं। किसी व्यक्ति को समझने और निर्देश देने के लिए हफ्ते में एक घंटा पर्याप्त नहीं है। ये सबसे बुनियादी कानूनी अधिकार है, जिसे तहत केजरीवाल अपने अधिवक्ता से मिलने की मांग कर रहे हैं। अधिवक्ता विवेक जैन ने कहा था कि संजय सिंह को 3 बैठकों की अनुमति तब दी गई थी, जबकि उनके खिलाफ सिर्फ 5 या 8 मामले दर्ज थे।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की याचिका के खिलाफ ED की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा था कि केजरीवाल 5 कानूनी बैठकों की मांग रहे हैं, जो कि जेल मैन्युअल के खिलाफ है। जब कोई व्यक्ति जेल में होता है, तो बाहर उसका कद अप्रासंगिक होता है तथा उसके साथ समान व्यवहार किया जाता है। केजरीवाल को पहले ही हफ्ते में 2 बैठकें करने का आदेश दिया जा चुका है। न्यायिक हिरासत में बाहरी दुनिया से संपर्क सीमित एवं कानून के अनुसार होता है। यदि कोई व्यक्ति जेल से सरकार चलाने का विकल्प चुनता है, उसे अपवाद नहीं माना जा सकता तथा उसे विशेषाधिकार नहीं दिया जा सकता। ED के अधिवक्ता ने कहा था कि कानूनी बैठकों का दुरुपयोग परामर्श के अतिरिक्त अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है।
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