15 दिनों में ट्रेन हादसा करवाने की दूसरी साजिश, अब पुणे-मुंबई ट्रैक को बनाया गया था निशाना, Video

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मुंबई: महाराष्ट्र के पिंपरी-चिंचवड़ में  शुक्रवार, (6 अक्टूबर) को सतर्क रेलवे कर्मचारियों ने कई बड़ी चट्टानों को देखा, जिन्हें जानबूझकर पटरियों पर रखा गया था और एक भयानक त्रासदी को बाल-बाल बचा लिया। यह घटना सिविल इंजीनियरिंग विभाग के रेलवे दल द्वारा नियमित ट्रैक रखरखाव वेल्ड परीक्षण कार्य करते समय शाम लगभग 4:00 बजे की है।  रिपोर्ट के अनुसार, पुणे की तरफ जा रही एक उपनगरीय ट्रेन में संदीप भालेराव नाम के एक सतर्क गार्ड ने पत्थरों को देखा, जो बगल की पटरियों पर चल रही थी और उसने चिंचवड़ के स्टेशन मास्टर मैथ्यू जॉर्ज को सतर्क कर दिया। ट्रेन नं. 16352, यूपी नगरकोइल-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) एक्सप्रेस के लोको पायलट, एमवी पावलकर और उसके गार्ड डीके वर्मा को स्टेशन मास्टर ने तुरंत सावधानी से आगे बढ़ने के लिए सूचित किया, जिसके बाद पटरियों पर से पत्थर हटाए गए, और फिर ट्रेन सुरक्षित रूप से गुजरी।

 

रेलवे अधिकारियों के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, 'सिविल इंजीनियरिंग विभाग के हमारे रेलवे कर्मचारी नियमित ट्रैक रखरखाव वेल्ड परीक्षण कार्य के लिए इस खंड में गए थे, कर्मचारियों ने देखा कि यूपी लाइन ट्रैक पर बड़े बोल्डर रखे हुए थे। कर्मचारियों द्वारा इस शरारती गतिविधि का समय पर पता लगने से बड़ी असामान्य घटना की संभावना टल गई।' रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, 'लोनावाला-पुणे उपनगरीय ट्रेन में गार्ड संदीप भालेराव ने निकटवर्ती यूपी ट्रैक पर पत्थरों को देखा और चिंचवाड़ के स्टेशन मास्टर को सूचित किया। स्टेशन मास्टर ने तुरंत यूपी नागरकोइल-मुंबई सीएसएमटी एक्सप्रेस के लोको पायलट से संपर्क किया और बोल्डर हटाए जाने तक ट्रेन को रोक दिया गया।' सरकारी रेलवे पुलिस (GRP) और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा इस खतरनाक कृत्य में शामिल दोषियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। CPRO सेंट्रल रेलवे शिवाजी मानसपुरे ने घटना के बारे में अतिरिक्त विवरण प्रदान किया और बताया कि एक टीम जो पहले से ही क्षेत्र में गश्त कर रही थी, उसने 10 से 20 मीटर की दूरी पर पटरियों पर पांच अलग-अलग स्थानों पर बड़े पैमाने पर चट्टानें देखीं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह अपराध कथित तौर पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दुर्भावना से किया गया है।

 

अधिकारी ने बताया कि गश्ती दल ने तेजी से कार्रवाई की और किसी भी संभावित आपदा को रोकने के लिए पत्थरों को हटा दिया। उन्होंने बताया कि जो लोग दोषी हैं उनकी पहचान करने के लिए कोई सुराग या सबूत इकट्ठा करने के लिए तत्काल क्षेत्र की गहन जांच की जा रही है। बता दें कि इस तरह के घृणित प्रयास का यह पहला मामला नहीं है। 2 अक्टूबर को, उदयपुर से जयपुर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के ड्राइवर ने पटरी से उतरने की साजिश को विफल करने के लिए आपातकालीन ब्रेक दबाकर एक विनाशकारी घटना को टाल दिया था। आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस के चालक दल ने पाया था कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर, लोहे की रॉड और फिश प्लेटें रखे गए थे। रॉड इस तरह गाड़ी गई थी कि, वहां एक बड़ा हादसा हो सकता था। हालाँकि, इस तरह की घटनाएं एक गंभीर सवाल पैदा कर रहीं हैं कि, आखिर वे कौन लोग हैं, जो भारत की तरक्की से जल रहे हैं और किसी न किसी तरह से देश को क्षति पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए हैं ?

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