नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा संसद में पहले ही बजट पेश किया जा चुका है, जिसके बाद सोमवार से बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत होने जा रही है. इसी बीच संभावनाएं जताई जा रही हैं कि पूरे देश में बढ़ रही महंगाई और पेट्रोल-डीजल की कीमतों के विरोध में, और उन पर सदन में चर्चा कराने के लिए कांग्रेस संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में स्थगन प्रस्ताव (Adjournment Motion) ला सकती है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बना रहे हैं. चूंकि अब संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण आरंभ होने जा रहा है ऐसे में कांग्रेस, केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए स्थगन प्रस्ताव ला सकती है. जिससे महंगाई पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हो. स्थगन प्रस्ताव को स्पष्ट शब्दों में समझें तो ये प्रस्ताव सदन का ध्यान किसी अत्यंत महत्त्व के विषय की तरफ खींचने के लिए लाया जाता है. कोई ऐसा विषय जो अत्यंत लोकमहत्त्व का विषय हो और जिस पर देरी करने के नुकसान हो सकते हों, ऐसे विषय पर बहस करने के लिए सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया जाता है.
इसे सदन के किसी भी सदस्य द्वारा लाया जा सकता है. जैसा कि इसके नाम से ही पता है इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद सभा के बाकी काम रोक दिए जाते हैं और ताकि उस वक़्त के सबसे जरूरी विषय पर चर्चा की जा सके. एक तरह से देखें तो इस प्रस्ताव में इतनी ताकत होती है कि सदन का सामान्य काम भी रोका जा सकता है.
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