27 और 28 जनवरी को हुई आइपीएल-11 की नीलामी अब समाप्त हो चुकी है और इसी के साथ कई खिलाडियों की लॉटरी भी लग चुकी है. इन खिलाड़ियों में सबसे पहला नाम आता है भारतीय युवा तेज गेंदबाज जयदेव उनाद्कट का. उनाद्कट को खरीदने के लिए फ्रेंचाइजीयों के बीच में होड़ सी मची हुई थी. इस रेस में चेन्नई और राजस्थान की टीमें सबसे आगे थी. आखिर में राजस्थान रॉयल्स ने बाजी मारी और उनाद्कट को 11 करोड़ रुपये खर्च कर अपनी टीम में शामिल कर लिया. अब सवाल ये उठता है की उनादकट को खरीदने के लिए इतनी गहमागहमी क्यों हो रखी थी. दरअसल 26 वर्षीय उनाद्कट बहुत ही अनुशासित गेंदबाजी करते है.
वे भारत के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में पर्दार्पण भी कर चुके है. उन्होंने भारत के लिए 4 टी-20 मैच, 7 वनडे मैच और एक टेस्ट मैच खेला है. जयदेव को डेथ ओवर्स का उम्दा गेंदबाज माना जाता है. राजस्थान रॉयल्स द्वारा इतनी बड़ी कीमत पर ख़रीदे जाने का सबसे बड़ा कारण उनकी अनुशाषित गेंदबाजी के साथ डेथ ओवर्स में धारदार गेंदबाजी करने को माना जा रहा रहा है. हालांकि इसके अलावा उनका पिछले आईपीएल रिकॉर्ड भी शानदार रहा है. पिछले आइपीएल सीजन में उनाद्कट सबसे ज्यादा विकेट लेने वालें गेंदबाजों की लिस्ट में दूसरे पायदान पर थे.
इस दौरान उन्होंने 12 मैच खेल 24 विकेट अपने नाम किये थे. इसके अलावा उनाद्कट को गेंद स्विंग कराने में भी महारथ हासिल है जिस वजह से वह रनो के मामले में भी काफी किफायती रहते है. एक और बात जो जयदेव के लिए फ़ायदेमंद साबित हुई वो रही उनका बाए से गेंदबाजी करना. भारतीय टीम से नेहरा और जहीर खान के संन्यास लेने के बाद से ही टीम को व खेल प्रेमियों को बांये हाथ के तेज गेंदबाजों की कमी भी महसूस हो रही है.
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